धर्म डेस्क, इंदौर, Chaturmas 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी पर जागते हैं।
इस वर्ष 118 दिन बाद एक नवंबर को देवउठनी एकादशी पड़ रही है। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इन चार महीनों के दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। यही कारण है कि चातुर्मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना बहुत फलदायी मानी जाती है। इस बार सावन महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा। 9 अगस्त, शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।
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