देवशयनी एकादशी आज, चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
आज छह जुलाई से एक नवंबर के बीच की अवधि में संत, महंत एक एक जगह रहकर जप, तप, स्वाध्याय, भजन-कीर्तन, प्रवचन आदि करते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल आठ जून से ही गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण वैवाहिक कार्यक्रम पहले से ही बंद थे, लेकिन अब देवशयन के बाद अन्य तरह के मांगलिक कार्य भी नहीं हो सकेंगे।
Publish Date: Sat, 05 Jul 2025 08:30:30 PM (IST)
Updated Date: Sat, 05 Jul 2025 08:37:02 PM (IST)
Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास की शुरुआत।HighLights
- बालाजी मंदिर में सुंदर श्रंगार किया जाएगा।
- यहां पर दीपदान किया जाएगा और
नवदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा। आज छह जुलाई रविवार को देवशयनी एकादशी है। आज से आगामी चार माह तक मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे और आज से ही चातुर्मास शुरू हो जाएगा, जिसमें संत, सन्यासी एक ही स्थान पर रहकर ईश्वर आराधना और प्रवचन आदि धार्मिक कार्य करेंगे। देवशयनी एकादशी पर कार्तिक चौक स्थित व्यंकटेश बालाजी मंदिर, सावरकर बाल विहार स्थित बैकुंठ धाम लक्ष्मीनारायण मंदिर, माधवगंज स्थित रामकृष्ण मंदिर आदि पर विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे।
चार महीने तक नहीं होंगे शुभ काम
- देवशयनी एकादशी के बाद देवउठनी एकादशी के बीच करीब चार माह तक मांगलिक कार्य, विवाह, यज्ञोपवीत, मुंडन, गृहप्रवेश, देव मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा आदि के कार्यक्रम बंद हो जाते हैं।
- ज्योतिषाचार्य पंडित संजय पुरोहित ने बताया कि एक नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद ही मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
- आज छह जुलाई से एक नवंबर के बीच की अवधि में संत, महंत एक एक जगह रहकर जप, तप, स्वाध्याय, भजन-कीर्तन, प्रवचन आदि करते हैं।
- उन्होंने बताया कि इस साल आठ जून से ही गुरू और शुक्र के अस्त होने के कारण वैवाहिक कार्यक्रम पहले से ही बंद थे, लेकिन अब देवशयन के बाद अन्य तरह के मांगलिक कार्य भी नहीं हो सकेंगे।
- बालाजी मंदिर में सुंदर श्रंगार किया जाएगा। यहां पर दीपदान किया जाएगा और शाम को महाआरती का आयोजन रखा गया है।
- रात्रिकालीन आरती के साथ यहां पर देवशयन कराया जाता है।
- वहीं माधवगंज स्थित रामकृष्ण मंदिर में दिन में शहरी तो रात में ग्रामीण मंडलियों द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।