Diwali 2022 Lakshmi Puja Vidhi: हर साल कार्तिक कृष्ण की अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध करके लंका विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इसी दिन भगवान विष्णु ने दैत्यराज बलि की कैद से लक्ष्मी सहित अन्य देवताओं को छुड़वाया था। उनका सारा धन-धान्य, राजपाठ, वैभव लक्ष्मी जी की कृपा से पुनः परिपूर्ण हुआ था। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। मां लक्ष्मी भोग की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी सिद्धि से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है। जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। पूरे सच्चे मन के साथ दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहिए आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा किस तरह से की जानी चाहिए।
लक्ष्मी पूजा की तैयारी सांयकाल से ही शुरू की जाती है। जिसमें एक चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि लक्ष्मी जी के दायीं दिशा में गणेश रहें और उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे। उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्थापना करें। वरुण के प्रतीक इस कलश पर एक नारियल लाल वस्त्र में लपेटकर इस प्रकार रखें कि केवल अग्रभाग ही दिखाई दे। दो बड़े दीपक लेकर एक में घी और दूसरे में तेल भरकर रखें। एक को मूर्तियों के चरणों में और दूसरे को चौकी की दाई तरफ रखें।
चौकी पर रखे गणेश जी के सामने एक छोटा सा दीपक रखें। इसके बाद शुभ मुहूर्त के समय जल, मौली, अबीर, चंदन, गुलाल, चावल, धूपबत्ती, गुड़, फूल, नैवेद्य आदि लेकर सबसे पहले पवित्रीकरण करें। फिर सारे दीपकों को जलाकर उन्हें नमस्कार करें। उन पर चावल छोड़ दें। पहले पुरुष और फिर बाद में स्त्रियां गणेश जी, लक्ष्मी जी और अन्य देवी-देवताओं का विधिवत षोडशोपचार पूजन, श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त और पुरुष श्री सूक्त का पाठ करें और आरती उतारें।
बही खातों की पूजा करने के बाद नए लिखने की शुरुआत करें। तेल के अनेक दीपक जलाकर घर के हर कमरे में, तिजोरी के पास, आंगन में और गैलरी आदि जगह पर रखें। किसी भी जगह पर अंधेरा न रहने दें। खांड की मिठाइयां, पकवान और खीर आदि का भोग लगाकर सबको प्रसाद बांटे।
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