7 फरवरी को बुध का होगा मकर राशि में गोचर

ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि) आनंद और उत्साह का महीना फाल्गुन 6 फरवरी (सोमवार) से प्रारंभ हो रहा है। कि जो कि 7 मार्च तक रहेगा। पंचांग के अनुसार यह हिंदू पंचांग का साल का आखरी महीना होता है। इसके बाद चैत्र मास की शुरुआत होगी। फाल्गुन मास से ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने लगता है। इस मास का नाम फाल्गुन होने का कारण यह है कि इस महीने की पूर्णिमा तिथि यानी कि फाल्गुन पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होता है।

फाल्गुन मास में मालव्य राजयोग का निर्माण कुछ इस तरह से

ज्योतिषाचार्य डा सतीश सोनी ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में मालव्य योग का संबंध शुक्र ग्रह से होता है। 15 फरवरी को शुक्र देव कुंभ राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे। शुक्र के मीन राशि में प्रवेश करते ही मालव्य राज्ययोग का निर्माण होगा। इस योग को ज्योतिष में बेहद शुभ माना जाता है। तथा यह योग 5 महापुरुष योगों में से एक होता है। इस योग का निर्माण देव गुरु बृहस्पति की राशि मीन में हो रहा है। मीन राशि के जातकों को इसके कई लाभ मिलेंगे। जैसे कैरियर में तरक्की, व्यापार से लाभ आदि इसके अलावा वृषभ, सिंह, धनु और कुंभ राशि के जातकों को भी इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।

सात फरवरी को बुध का मकर राशि में गोचर

- सौरमंडल के सबसे छोटे ग्रह बुध का मकर राशि में गोचर व्यावहारिकता और अच्छे संस्कार को दर्शाता है। हालांकि इस दौरान मकर राशि में बुध और शनि का भी प्रभाव पड़ना निश्चित है। बुध 2023 मंगलवार को सुबह 7:11 पर मकर राशि में गोचर करेंगे।

- 27 फरवरी से लगेंगी होलिकाष्टका - इसी माह 28 फरवरी से होलिकाष्टक लग जाएंगीं। होलिका दहन के आठ दिन पहले से होलिकाष्टक लग जाती हैं। होलकाष्टक की अवधि में मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। जनेऊ, विवाह संस्कार, मुंडन संस्कार, गृहप्रवेश नहीं होता है।

- हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 6 मार्च के दिन दोपहर 2:47 पर हो रहा है और इसका समापन 07 मार्च शाम 04:39 पर होगा। होलिका दहन 07 मार्च, मंगलवार के दिन किया जाएगा। ऐसे में होलाष्टक 28 फरवरी , मंगलवार से 07 मार्च 2023, मंगलवार तक रहेगा।

Posted By: anil tomar

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