Grah Gochar and Health: हर रोग के लिए ग्रह होते हैं जिम्मेदार, जानें किस ग्रह दोष से होती कौन सी बीमारी
Grah Gochar and Health यहां जानें कौन से ग्रह के कमजोर होने पर किस-किस बीमारी के होने की आशंका रहती है -
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 05 Sep 2022 03:06:15 PM (IST)
Updated Date: Mon, 05 Sep 2022 03:06:15 PM (IST)

Grah Gochar and Health। हिंदू ज्योतिष के मुताबिक सूर्य सहित सभी 9 ग्रहों के राशि परिवर्तन से जीवन में बदलाव होता है और ग्रहों के राशि परिवर्तन के कारण जातक के स्वास्थ्य पर भी इसका असर होता है। ज्योतिष में मान्यता है कि हर बीमारी का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है और यदि जातक की कुंडली में ग्रह की स्थिति कमजोर है तो इसका सीधा असर शरीर पर हो सकता है। यहां जानें कौन से ग्रह के कमजोर होने पर किस-किस बीमारी के होने की आशंका रहती है -
सूर्य ग्रह से रोग
सूर्य को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। जिन लोगों का सूर्य कमजोर होता है, उन्हें उनके बाल जल्दी झड़ने लगते हैं। साथ ही सिर दर्द भी बना रहता है।
चंद्रमा के कमजोर होने पर रोग
चन्द्रमा को संवेदनशील लोगों का अधिष्ठाता ग्रह होता है। यदि चन्द्र कमजोर होता है तो ऐसे लोग मानसिक विकार से परेशान होता है और मन कमजोर रहता है। ऐसे लोगों की सहनशक्ति भी कम होती है। चंद्रमा कमजोर होने से सर्दी, जुकाम और खांसी, कफ की समस्या बनी रहती है।
मंगल ग्रह की कमी से रोग
मंगल ग्रह रक्त को प्रभावित करने वाला ग्रह है। जिन लोगों को मंगल कुंडली में कमजोर होता है, उन्हें खून से संबंधित बीमारियां हो सकती है। ऐसे व्यक्ति थोड़े आलसी प्रवृत्ति के होते हैं। ये लोग ऊर्जावान नहीं होते हैं। खराब मंगल से चोट चपेट और दुर्घटना आदि का भय बना रहता है।
बुध ग्रह के कमजोर होने से होता है दमा
जिन लोगों का बुध ग्रह कमजोर होता है, वे चर्म रोग से प्रभावित रहते हैं। सांस से संबंधित बीमारियां भी बुध के कारण होती है। बुध से व्यक्ति के फेफड़े खराब होने का भय रहता है। बुध ग्रह के कारण ही कई लोगों में हकलाने की समस्या होती है।
गुरु के कारण होता है मोटापा
गुरु यानी ब्रहस्पति ग्रह व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है लेकिन पढ़े लिखे लोग भी यदि मूर्खों जैसा व्यवहार करें तो इसका मतलब है कि गुरु कुंडली में खराब है। गुरु ग्रह जब कमजोर हो जाता है तो इससे सोचने समझने की शक्ति प्रभावित होती है। गुरु कमजोर होने से पीलिया या पेट के रोग होते हैं। गुरु ग्रह के कमजोर होने पर मोटापा हो सकता है।
शुक्र ग्रह देता है शुगर की बीमारी
शुक्र ग्रह मनोरंजन का कारक है। शुक्र की स्थिति अशुभ होने पर जीवन में दुख आता है। नपुंसकता के प्रति अरुचि का कारण भी शुक्र ग्रह की कमजोर स्थिति होती है। शुक्र ग्रह के अशुभ होने से शरीर बेडौल हो जाता है।
शनि ग्रह देता है शारीरिक व्याधि
शनि दुःख और पीड़ा का प्रतिनिधित्व करता है। शनि का प्रभाव दूसरे ग्रहों पर हो तो शनि उसी ग्रह से संबंधित रोग देता है। शनि की दृष्टि सूर्य पर हो तो जातक सिर दर्द से परेशान रहता है। चन्द्र पर हो तो जातक को जुकाम होता है। मंगल पर हो तो रक्त की कमी या ब्लड प्रेशर, बुध पर हो तो नपुंसकता की समस्या हो सकती है। राहू पर शनि के प्रभाव से जातक को उच्च और कमजोर रक्तचाप दोनों से पीड़ित रखता है।
राहु और ब्लड प्रेशर का संबंध
राहु एक रहस्यमय ग्रह है, इसलिए राहु के कारण जातक को रहस्यमयी रोग होते हैं। राहु अशुभ हो तो जातक का इलाज चलता रहता है और डॉक्टर के पास आना जाना लगा रहता है। इसके अलावा राहु के कारण दवा से रिएक्शन या एलर्जी जैसी समस्या भी देखने को मिलती है। हार्ट अटैक का खतरा भी राहु के कारण ही होता है।
केतु ग्रह और भूत-प्रेत बाधा
केतु से होने वाली बीमारी का आसानी से पता नहीं चलता है। केतु खराब हो तो फोड़े फुंसियां होने लगती है। घाव जल्दी नहीं भरते हैं और केतु के कारण मनोविज्ञान से संबंधित बीमारी भी हो सकती है। भूत प्रेत बाधा केतु के कारण ही होती है।
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