धर्म डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार, शनिवार 18 अक्टूबर 2025 को धनतेरस (Dhanteras) का पावन पर्व मनाया जाएगा। यह दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की भक्ति भाव से पूजा की जाती है और सोने-चांदी की खरीदारी शुभ मानी जाती है। धनतेरस के दिन बृहस्पति देव मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर (Guru Gochar) करेंगे।
देवताओं के गुरु बृहस्पति ज्ञान, धन, वैवाहिक सुख और संतान के कारक माने जाते हैं। इनका गोचर हमेशा जीवन में सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस बार बृहस्पति देव का गोचर अत्यंत शुभ फलदायी साबित होगा।
धनतेरस के दिन बृहस्पति देव कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे मिथुन राशि के जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। लंबे समय से चल रही आर्थिक तंगी से राहत मिलेगी और धन-धान्य में वृद्धि होगी।
व्यवसाय से जुड़े लोगों को मुनाफा होगा, जबकि नौकरीपेशा व्यक्तियों को प्रमोशन या पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। सरकारी सेवा से जुड़े लोगों के लिए यह समय बेहद शुभ रहेगा। ज्वेलरी और सोने-चांदी से जुड़े कारोबारियों के लिए यह अवधि लाभकारी साबित होगी।
साथ ही, शत्रुओं पर विजय मिलेगी और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। गुरु की कृपा से आपके व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ेगा। वाणी में मिठास आएगी और लोग आपके आचरण से प्रभावित होंगे। धन एकत्र करने के कई अवसर बनेंगे।
बृहस्पति देव का कर्क राशि में गोचर कन्या राशि वालों के लिए भी सौभाग्य लेकर आएगा। करियर और व्यापार में नई ऊंचाइयां मिलेंगी। जो जातक लंबे समय से नौकरी परिवर्तन या प्रमोशन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है।
इस दौरान परिवारिक जीवन में शांति और सुख बना रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। नए निवेश या संपत्ति खरीदने के योग बन रहे हैं। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
धनतेरस के दिन सोने या चांदी के आभूषणों की खरीद शुभ फल देगी। पीले रंग की वस्तुओं का दान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से बृहस्पति की कृपा और अधिक प्राप्त होगी।
गुरु गोचर के प्रभाव से जातकों के जीवन में सत्कर्म, सद्गुण और परोपकार की भावना बढ़ेगी। आत्मविश्वास मजबूत होगा और कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धनतेरस से लेकर 4 दिसंबर तक बृहस्पति कर्क राशि में रहेंगे और इस अवधि में धन, वैभव और सौभाग्य की वृद्धि होगी।
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