धर्म डेस्क, इंदौर: हिंदू धर्म में तीज के व्रत का विशेष महत्व है। सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए तीज का व्रत रखती हैं। इसमें भी हरियाली तीज का हिंदू परंपरा और रीति में अत्याधिक महत्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां और वस्त्र धारण करती हैं, साथ ही महिलाएं 16 श्रृंगार Hariyali Teej Solah shringar कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती हैं।
हरियाली तीज पर विवाहित महिलाओं के 16 श्रृंगार Hariyali Teej Solah shringar का बहुत अधिक महत्व होता है। वैसे तो विवाहिताओं को हर दिन श्रृंगार करके रहना चाहिए, लेकिन इस खास अवसर पर श्रृंगार का पुण्य फल प्राप्त होता है। 16 श्रृंगार करने से पति के जीवन में सूख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही घर परिवार में भी संपन्नता आती है।
ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन महिलाओं को विशेष रूप से अपने श्रृंगार में इन चीजों को धारण करना चाहिए, जिससे उनका व्रत सफल हो जाता है। इसमें से इन 5 चीजों का विशेष महत्व है।
पहला श्रृंगार- सिंदूर, विवाहित महिलाओं को हरियाली तीज के दिन श्रृंगार करते समय सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए। सिंदूर सुहाग की सबसे बड़ी निशानी होती है।
दूसरा श्रृंगार- बिंदी, व्रत के दिन विवाहित महिलाओं को माथे पर बिंदी जरूर लगाना चाहिए। हरे रंग की बिंदी लगाने का विशेष महत्व होता है।
तीसरा श्रृंगार- महावर, इस दिन पैरों को सूना नहीं रखना चाहिए। विवाहित महिलाओं को पैरों में महावर जरूर लगाना चाहिए।
चौथा श्रृंगार- कुमकुम, हरियाली तीज के दिन महिलाओं को बिंदी के साथ-साथ माथे पर कुमकुम भी लगानी चाहिए।
पांचवा श्रंगार- मेहंगी, हरियाली तीज व्रत से पहले महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं। यह श्रृंगार के लिए बहुत जरूरी माना जाता है।
इनके अलावा, व्रत के दिन महिलाओं को इन चीजों को भी श्रृंगार के रूप में धारण करना चाहिए। स्नान, काजल, नथ, झुमके, हार / माला, मंगलसूत्र, बाजूबंद, चूड़ियां, अंगूठी, कमरबंद, पायल, बिछुए, गजरा / फूल आदि वस्तूओं को धारण करना चाहिए।
हरियाली तीज को उर्वरता, सकारात्मक उर्जा और संपन्नता के व्रत के रूप में देखा जाता है। सावन महिने में हर तरफ हरा-भरा परिवेश होता है, प्रकृति की सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। ऐसे में इस हरियाली तीज के व्रत से भी महिलाओं में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
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