धर्म डेस्क, नई दिल्ली: हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2025) के नाम से जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है और पाप दूर होते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत करने का विधान है। हालांकि सावन माह में पड़ने की वजह से इस एकादशी पर भगवान शिव और पार्वती की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
इस बार कामिका एकादशी व्रत 21 जुलाई (Kamika Ekadashi 2025 Date) को किया जाएगा। वहीं इस व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में कामिका एकादशी व्रत 21 जुलाई को किया जाएगा।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 55 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
कामिका एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी 22 जुलाई को किया जाएगा, जो सुबह 05 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है।
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