Kamika Ekadashi 2025: मंगलकारी योग में कामिका एकादशी… जानिए व्रत पारण की विधि, भगवान विष्णु को लगाएं खास भोग
Kamika Ekadashi 2025 Bhog: शाम 6:39 बजे तक वृद्धि और ध्रुव योग रहेगा, जबकि रात 9:37 बजे से अमृत सिद्धि योग प्रारंभ होगा। शुभ फल की प्राप्ति के लिए कामिका एकादशी के दिन दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं।
Publish Date: Mon, 21 Jul 2025 01:30:02 PM (IST)
Updated Date: Mon, 21 Jul 2025 01:30:02 PM (IST)
Kamika Ekadashi 2025: इस दिन भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।HighLights
- शुभ योग में मनाई जा रही कामिका एकादशी
- एकादशी पर सुख-समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद
- देशभर के प्रमुख मंदिरों में हो रहा विशेष पूजन
धर्म डेस्क, इंदौर, Kamika Ekadashi 2025: आस्था का पर्व कामिका एकादशी 21 जुलाई को मनाया जा रहा है। इस साल यह दुर्लभ ज्योतिषीय संयोगों के कारण और भी विशेष बन गई है। यह एकादशी ध्रुव योग, वृद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि जैसे मंगलकारी योग बन रहे हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत फलदायी मानी जा रही है।
लक्ष्मी-नारायण की विशेष पूजा (Kamika Ekadashi 2025 Puja Vidhi) और उपवास से भक्तों को सुख, समृद्धि और संकटमुक्त जीवन का आशीर्वाद मिलेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल सावन के दूसरे सोमवार को कामिका एकादशी मनाई जा रही है।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। बिलासपुर के ज्योतिषाचार्य पं. वासुदेव शर्मा के मुताबिक, एकादशी तिथि 20 जुलाई को दोपहर 12:12 बजे से शुरू होकर 21 जुलाई को सुबह 9:38 बजे समाप्त होगी।
![naidunia_image]()
इस बार बन रहे संयोग ध्रुव योग, वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग पूरे दिन को विशेष बना रहे हैं। शाम 6:39 बजे तक वृद्धि और ध्रुव योग रहेगा, जबकि रात 9:37 बजे से अमृत सिद्धि योग प्रारंभ होगा।
22 जुलाई को सुबह 5:37 से 7:05 बजे तक पारण किया जाएगा, जिसमें भक्त व्रत खोलते हैं। गंगाजल, तुलसी और पंचामृत से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जा रही है।
![naidunia_image]()
यहां भी क्लिक करें - सूर्य ने पुत्र शनि के नक्षत्र में किया गोचर, तीन राशियों की किस्मत चमकी
Kamika Ekadashi Vrat Paran Vidhi: जानिए व्रत पारण की विधि
- सुबह स्नान करने के बाद साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। मंदिर की सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। भगवान विष्णु के सामने देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। प्रभु को सात्विक चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
- शुभ फल की प्राप्ति के लिए कामिका एकादशी के दिन दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है।