नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। करवा चौथ का निर्जल व्रत 10 अक्टूबर शुक्रवार को कई शुभ दुर्लभ संयोग में महिलाएं रखेंगी। अखंड सौभाग्य की कामना के साथ करवाचौथ का व्रत करने वाली सौभाग्यवती महिलाओं पर भगवान चंद्र देव की कृपा रहेगी। उन्हें चंद्र देव के दर्शनों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार शुक्रवार को चंद्रोदय रात्रि आठ बजकर 12 मिनट पर होगा लेकिन चंद्र दर्शन में बादल बाधक बन सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार की रात को आसमान में बादल छाये रहेंगे। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया की सुहागिनों का पर्व करवा चौथ हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखकर शाम को चांद का दीदार करने के बाद ही व्रत खोलती हैं महिलाएं रस्म के लिए अपनी पूजा की थाली को सजाती हैं फिर चंद्रमा की पूजा कर अपने पति को चलनी से देखकर उनके हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ पर बनेगा ग्रहों का दुर्लभ संयोग करवा चौथ पर इस बार ग्रहों का अद्भुत संयोग बनने जा रहा है।
दरअसल, इस दिन, शनि मीन राशि में रहेंगे, गुरु और चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे, वहीं शुक्र सूर्य कन्या राशि में एक साथ रहेंगे। इसके अलावा, इस बार कृतिका नक्षत्र में पूजन होगा। वहीं, यह पर्व शुक्रवार का दिन है तो इस वजह से भी व्रती महिलाओं को गणेश भगवान और मां लक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। करवा चौथ पर पूजा का शुभ समय पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी और 10 अक्टूबर की शाम सात बजकर 38 मिनट बजे इसका समापन होगा।
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करवा चौथ की पूजा करने का शुभ समय सुबह पांच बजकर 16 मिनट से शाम छह बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है। वहीं, चंद्रमा का उदय रात्रि आठ बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसी मान्यता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने से अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। चंद्रमा की पूजा करने से मन शांत होता है, जिससे पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है।