धर्म डेस्क। हर साल कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पावन व्रत किया जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि की कामना के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। इस साल करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, जो महिलाएं श्रद्धा और भक्ति से करवा चौथ का व्रत करती हैं, उन्हें सौभाग्य, वैवाहिक सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक 16 शृंगार करती हैं, सुंदर वस्त्र धारण करती हैं और शाम के समय करवा माता की पूजा करती हैं।
इस वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 की रात 10 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होगी और 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, व्रत 10 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।
चंद्रोदय का समय: रात 8:13 बजे
इस दौरान महिलाएं करवा माता और भगवान शिव–पार्वती की पूजा करती हैं। फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर और अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करती हैं।
करवा चौथ के पवित्र अवसर पर पति अपनी पत्नी को उपहार स्वरूप कुछ विशेष चीजें भेंट करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोने या चांदी की ज्वैलरी—जैसे अंगूठी, चेन, बिछिया या पायल भेंट करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सुगंधित फूल या इत्र देना भी सौभाग्यवर्धक होता है।
यदि आप इस दिन अपनी पत्नी को कपड़े गिफ्ट करना चाहते हैं, तो लाल या गुलाबी रंग का चुनाव करें। हिंदू धर्म में लाल रंग को सुहाग का प्रतीक माना गया है। यह रंग प्रेम, उत्साह और सौभाग्य का द्योतक है। वहीं, ध्यान रखें कि इस दिन काले रंग के वस्त्र गिफ्ट करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह रंग किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है।
करवा चौथ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि पति-पत्नी के स्नेह, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी (सास द्वारा दिया गया विशेष भोजन) ग्रहण करती हैं और फिर पूरे दिन जल तक नहीं पीतीं। शाम को वे विधिवत पूजा करती हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत तोड़ती हैं।
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यह व्रत भारतीय संस्कृति में वैवाहिक बंधन की मजबूती और नारी शक्ति की सहनशीलता का प्रतीक है। माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखने से दांपत्य जीवन में प्रेम, सामंजस्य और समृद्धि बनी रहती है।
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