धर्म डेस्क, एंटरटेनमेंट। shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। हर दिन देवी मां के अलग रूप को समर्पित होता है। देवी मां की सेवा से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन पांच शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें दुर्लभ आयुष्मान योग भी शामिल है। इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि 18 अक्टूबर को रात्रि 01:26 बजे तक है। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। 17 अक्टूबर को पूरे दिन तृतीया तिथि रहेगी।
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन दुर्लभ प्रीति योग बन रहा है। यह सुबह 09:22 बजे तक रहेगा। इस योग में देवी मां की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सुख-समृद्धि बनी रहती है।
शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन दुर्लभ आयुष्मान योग बन रहा है। इस योग का निर्माण 18 अक्टूबर सुबह 8:19 बजे तक रहेगा। इस योग में आप माता रानी की पूजा कर सकते हैं। इस योग में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
नवरात्र के तीसरे दिन रवि योग भी बन रहा है। इस योग का निर्माण रात 08:31 बजे से अगले दिन सुबह 06:23 बजे तक है। इस योग में देवी मां की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
नवरात्र के तीसरे दिन तैतिल और गर करण का निर्माण भी हो रहा है। तैतिल और गर करण को ज्योतिष शास्त्र में बेहद ही शुभ माना जाता है। इन योगों में देवी मां की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर।
सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 50 मिनट पर।
ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक।
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 47 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 50 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
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