Pithori Amavasya 2023। हिंदू धर्म में अमावस्या के दिन रखे जाने व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदी पंचांग के अनुसार, 14 सितंबर को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। इस अमावस्या को पिठोरी अमावस्या, कुशोत्पाटिनी अमावस्या के अलावा कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि पिठोरी अमावस्या व्रत यदि विधि विधान से किया जाता है तो संतान को लंबा और सुखमय जीवन प्राप्त होता है।
पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, भाद्रपद अमावस्या के कुछ समय बाद ही पितृ पक्ष शुरू हो जाता है। इस अमावस्या तिथि को भी श्राद्ध कर्म के लिए अच्छा माना जाता है। पिठोरी अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पितर भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। पिठोरी अमावस्या व्रत करने से सभी मांगलिक और धार्मिक कार्यों में सफलता मिलती है। संतान को किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती है। संतान को सेहत संबंधी कोई परेशानी रहती है तो दूर हो जाती है और जीवन में कभी मानसिक तनाव का सामना नहीं करना पड़ता है।
पिठोरी अमावस्या पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 14 सितंबर 2023 को दोपहर 11.59 मिनट से दोपहर 12.48 बजे तक रहेगा।
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