Rakhi Par Bhadra Ka Saya: 100 साल बाद इस बार राखी पर भद्रा का साया नहीं, बहनें भाई की कलाई पर दिनभर बांध सकेंगी रेशम की डोर
Rakhi Par Bhadra Ka Saya: रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार बहन रक्षा सूत्र बांधने में भद्रा थोड़े समय के लिए भी विघ्न नहीं डालेगी। शास्त्रों में भद्रा में राखी बांधना और होलिका दहन निषेध बताया गया है।
Publish Date: Sat, 19 Jul 2025 07:34:12 AM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Jul 2025 07:35:55 AM (IST)
रक्षाबंधन का पर्व देशभर में मनाया जाता है। (फाइल फोटो)HighLights
- भद्रा रहित सौ साल बाद इस बार निर्विघ्न राखी
- 297 साल बाद बना दुर्लभ मंगलकारी संयोग
- भगवान विष्णु और ब्रह्मा की साक्षी में मनेगा पर्व
रामकृष्ण मुले, इंदौर, Rakhi Par Bhadra Ka Saya: इस बार 100 साल बाद भद्रा रहित निर्विघ्न राखी (Raksha Bandhan 2025) 9 अगस्त को मनाई जाएगी। भाई-बहन के स्नेह के पर्व पर 297 साल बाद कल्याणकारी दुर्लभ मंगलकारी संयोग रहेगा। इसके चलते पूरे दिन बहनें भाई की कलाई पर रेशम की डोर बांध सकेंगी।
ज्योतिर्विदों की मानें तो एक शताब्दी बाद निर्विघ्न राखी का संयोग बन रहा है। ज्योतिर्विद आचार्य शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार, रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा रहित तीन मुहूर्त या उससे अधिक व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को अपराह्न व प्रदोष काल में मनाया जाता है।
पूर्णिमा तिथि आठ अगस्त को दोपहर 2.12 बजे से नौ अगस्त को दोपहर 1.24 बजे तक रहेगी। भद्रा भी पूर्णिमा के साथ आठ अगस्त को शुरू होकर रात 1.49 बजे तक रहेगी। सूर्योदय से पहले भद्रा के समाप्त होने से पर्व इस बार निर्विघ्न रूप से मनाया जाएगा।
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ऐसे निर्मित होता नवपंचम योग
- ज्योतिर्विद् विनायक त्रिवेदी के अनुसार, नवपंचम योग को शुभ योग माना जाता है। जब दो ग्रह कुंडली के नौवें एवं पांचवें भाव में स्थित होते हैं, जिससे 120 डिग्री का कोण बनता है। यह योग बुद्धि, ज्ञान और भाग्य के लिए शुभ माना जाता है।
राखी पर सूर्य व बुध की कर्क एवं गुरु एवं शुक्र की मिथुन राशि में युति बनेगी। मंगल कन्या, राहु कुंभ व केतु सिंह राशि में होंगे। साथ ही श्रवण नक्षत्र और चंद्रमा मकर राशि में रहेगा।
शास्त्रों के अनुसार श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु एवं सौभाग्य योग के अधिपति ब्रह्मा हैं। इसके चलते यह पर्व सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा एवं जगत के पालनहार भगवान विष्णु की साक्षी में मनेगा। यहां भी क्लिक करें - राखी पर 1. 27 करोड़ 'लाडली बहनों' को मिलेंगे 1500 रुपये, निवेश लाने के लिए सीएम डॉ. यादव जाएंगे स्पेन और दुबई
इस बार भद्रा भूलोक पर नहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग भी
ज्योतिर्विद् देवेंद्र कुशवाह के अनुसार, शास्त्रों में उल्लेख है कि भद्रा में राखी नहीं बांधी जानी चाहिए। इस बार रक्षाबंधन के दिन सूर्य की पुत्री एवं शनि की बहन भद्रा भूलोक में नहीं होगी। भद्रा को शुभ कार्यों में अशुभ माना जाता है। भद्रा का निवास स्थान चंद्रमा के अनुसार बदलता रहता है। इस दिन कार्य में सिद्धि देने वाला सर्वार्थ सिद्धि योग भी दोपहर 2.24 बजे तक रहेगा।