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नईदुनिया न्यूज नेटवर्क, अयोध्या। तीर्थनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला राजस्थानी आभूषण व वस्त्र धारण कर विराजेंगे। आज से 7 दिन बाद राम मंदिर के गर्भगृह में प्रभु श्री राम के मनोहारी बाल स्वरूप का दर्शन सुलभ हो सकेंगे।
22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान रामलला के लिए कई जोड़े आभूषण, खिलौने तैयार किए जा रहे हैं। प्रभु राम के सिर की शोभा बढ़ाने वाला मुकुट 9 रत्नों से जड़ा रहेगा। गले का हार भी काफी दर्शनीय होगा। वहीं राम लला के लिए कमर की करधनी व पैर की पैजनिया भी स्वर्ण से तैयार कराई जा रही है। ऐसी संभावना है कि ये सभी आभूषण एक या दो दिन में अयोध्या पहुंच जाएंगे। इन आभूषणों में पन्ना, मोती, हीरा सहित अलग-अलग तरह के 9 रत्न जड़े गए हैं।
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श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य ने जानकारी दी है कि रामलला को विशेष प्रकार से निर्मित आभूषण और वस्त्र धारण कराने के बाद ही प्राण प्रतिष्ठा का औपचारिक पूजन प्रारंभ हो जाएगा। बाल रूप में रामलला के पूजन, भोग का भी विशेष प्रबंध होगा। मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि रामलला के लिए और भी वस्त्र भेंट में मिले हैं।
नवनिर्मित राम मंदिर में पहला पूजन कार्य 16 जनवरी को प्रारंभ 4 बजे शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर मूर्तिकार भी रहेंगे। इसके बाद 18 जनवरी को रामलला की प्रतिमा राम जन्मभूमि के नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में पहुंचाई जाएगी। यहां दोपहर 1,30 बजे से पूजन शुरू हो जाएगा। वैदिक मंत्रों के साथ गणेश पूजन शुरू होगा। इसके बाद नवनिर्मित प्रतिमा का अधिवास भी शुरू होगा।
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