Sawan 2023: भगवान शिव का अवतार मानी जाती है ये शक्तियां, सावन मास में जरूर करें आराधना
Sawan 2023 महाभारत में उल्लेख किया गया है कि द्रोण पुत्र अश्वत्थामा भी भगवान शिव के अंश हैं।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 24 Jul 2023 11:17:39 AM (IST)
Updated Date: Mon, 24 Jul 2023 11:59:41 AM (IST)
शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का उल्लेख मिलता है। Sawan 2023 । सावन माह में भगवान भोलेनाथ की विशेष आराधना की जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने कई रूप धारण किए हैं, जिसमें उनके सौम्य व रौद्र रूप भी शामिल हैं। देवों के देव महादेव के सभी रूप जनकल्याण और दुष्टों के संहार के लिए हुए थे। शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का उल्लेख मिलता है। ऐसे में सावन माह में भगवान शिव के इन अंशावतार की भी साधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है -
काल भैरव
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा और विष्णु में एक बार श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया था। इस दौरान जब तेज-पुंज की आकृति प्रकट हुई थी तो ब्रह्माजी ने कहा कि "हे, चंद्रशेखर तुम मेरे पुत्र हो, इसलिए मेरी शरणागत हो जाओ।" ब्रह्मा की बात सुनकर भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने काल भैरव को प्रकट किया। भोलेनाथ से शक्ति पाकर काल भैरव ने अपनी अंगुली के नाखून से ब्रह्मदेव के पांचवे सिर को काट दिया। ऐसे में काल भैरव ब्रह्महत्या के दोषी हो गए। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, काल भैरव को काशी में ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति मिली। शिव महापुराण में भैरव को भगवान शंकर का ही रूप बताया गया है।
महाबली हनुमान
शिव महापुराण के मुताबिक, समुद्र मंथन के बाद अमृत बांटने के लिए जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था तो शिवजी ने कामासक्त होकर अपना वीर्यपात कर दिया था और इस दौरान सप्तऋषियों ने मिलकर उस वीर्य को कुछ पत्तों में संग्रहित किया था। इसी वीर्य को बाद वानरराज केसरी की पत्नी अंजनी के गर्भ में कान के माध्यम से स्थापित कर दिया गया था, जिससे महाबली श्री हनुमान जी की जन्म हुआ।
वीरभद्र
भगवान वीरभद्र को भी
भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि वीरभद्र भगवान शिव की जटा से पैदा हुए थे। जब राजा दक्ष के यज्ञ में माता सती ने देह त्याग किया था तो भगवान भोलेनाथ ने क्रोध में अपने सिर से एक जटा उखाड़ी और उसे पर्वत पर पटका था, उस जटा से ही वीरभद्र प्रकट हुए थे। शिव के इस अवतार ने उत्पन्न होते ही दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर दिया और दक्ष का सिर काटकर शिव के सामने रख दिया था। भगवान शिव ने राजा दक्ष के सिर पर बकरे का सिर लगा कर उन्हें फिर से जिंदा कर दिया था।
द्रोण पुत्र अश्वत्थामा
महाभारत में उल्लेख किया गया है कि द्रोण पुत्र अश्वत्थामा भी भगवान शिव के अंश हैं। महाभारत युद्ध के दौरान गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को युद्ध के अंत में सेनापति बनाया गया था। गुरु द्रोणाचार्य ने भगवान भोलेनाथ को पुत्र रूप में पाने की लिए कठिन तप किया था।
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