Sawan Second Somwar: सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को, कामदा एकादशी से बढ़ा महत्व
सावन मास के दूसरे सोमवार(Sawan Monday 2025), 21 जुलाई को बिलासपुर शहर शिवभक्ति में डूबा नजर आएगा। इस दिन कामदा एकादशी का संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है।
Publish Date: Fri, 18 Jul 2025 04:56:52 PM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Jul 2025 04:56:52 PM (IST)
सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई कोHighLights
- 21 जुलाई को बिलासपुर शहर शिवभक्ति में डूबा नजर आएगा।
- 21 जुलाई के दिन कामदा एकादशी का संयोग भी बन रहा है।
- फल, पूजन सामग्री, वस्त्र और प्रसाद की दुकानों में तेजी देखी जा रही है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। सावन मास के दूसरे सोमवार(Sawan Monday 2025), 21 जुलाई को बिलासपुर शहर शिवभक्ति में डूबा नजर आएगा। इस दिन कामदा एकादशी का संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है। प्रमुख शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की तैयारियाँ जोरों पर हैं। आस्था के इस पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
बाजारों में भी रौनक लौट आई है। फल, पूजन सामग्री, वस्त्र और प्रसाद की दुकानों में तेजी देखी जा रही है। सावन के दूसरे सोमवार को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह है। इस दिन कामदा एकादशी भी पड़ रही है, जिससे शिवपूजन का पुण्यफल दोगुना माना जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव शर्मा बताते हैं कि जब सावन सोमवार और कामदा एकादशी एक साथ पड़ें, तो यह संयोग अत्यंत फलदायी होता है। व्रत-पूजन करने से सभी पाप कटते हैं और इच्छाएँ पूर्ण होती हैं। शिवालयों में अभिषेक, रुद्राभिषेक और रात्रि आरती के विशेष आयोजन होंगे।
बिलासपुर के मसानगंज स्थित पंचमुखी शिवमंदिर(Panchmukhi Shiv Mandir), महामाया मंदिर परिसर का शिवमंदिर और चांटीडीह में श्रद्धालु सुबह से ही दर्शन को पहुंचने लगेंगे। इन मंदिरों में भजन-कीर्तन और विशेष श्रृंगार दर्शन की भी तैयारी चल रही है।
इस विशेष दिन पर शहर के बाजार भी गुलजार होंगे। फूल, बेलपत्र, भस्म, वस्त्र और पूजा सामग्री(Puja material market) की दुकानों में अभी से अच्छी बिक्री हो रही है। सावन मास में भक्त प्रतिदिन महादेव को जल अर्पित कर रहे हैं।
आस्था
शिवालयों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़
पूजन सामग्री की बढ़ी मांग
कामदा एकादशी का महत्व(Kamada Ekadashi Significance)
कामदा एकादशी पापों से मुक्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति का श्रेष्ठ व्रत माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु का पूजन करने से समस्त दोष नष्ट होते हैं। इस बार शिवपूजन के साथ इसका योग और भी विशेष फल प्रदान करने वाला है।
धार्मिक आकर्षण और बाजार
शहर के प्रमुख शिवालयों में भव्य सजावट और विद्युत झिलमिल रोशनी की तैयारी चल रही है। कांवड़िया दलों में भी जोश है। बाजारों में पूजा सामग्री और फूलों को लेकर पूछपरख तेज है। बरसात के कारण इन दिनों भले ही फूलों की आवक कम है और दाम बढ़े हुए हैं, लेकिन भक्तों का उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ है।