नईदुनिया प्रतिनिधि, मुरैना। शनिवार को शनि अमावस्या है। हर शनि अमावस्या की तरह इस बार भी ऐती पर्वत स्थित शनि मंदिर पर मेले का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन व जिला प्रशासन मेले की तैयारियां पूरी कर चुका है। शुक्रवार शाम से ही यहां श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया।
गौरतलब है कि बानमोर तहसील के ऐती गांव की पहाड़ी पर भगवान शनिदेव का त्रेतायुगीन मंदिर है। शनि अमावस्या को लगने वाले मेले में देश के हर हिस्से से श्रद्धालु आते हैं। कुछ श्रद्धालु विदेशों के भी होते हैं। शनि अमावस्या शुक्रवार रात 12 बजे बजते ही शुरू हो जाती है, इसलिए मंदिर के पट शुक्रवार रात 12 बजे से ही खुल जाते हैं।
एक मान्यता यह भी है, कि भगवान शनि की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद में उत्तम मानी जाती है, इसी मान्यता के कारण हजारों श्रद्धालु रात में ही हवन, पूजन और भगवान शनि का तेलाभिषेक रात के समय करते हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, पूर्व संभाग आयुक्त एमके अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि व अफसर भी रात में ही भगवान शनिदेव के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचते हैं।
मंदिर के पट शनिवार रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। मेले की तैयारियों को लेकर कलेक्टर अंकित अस्थाना, एसपी समीर सौरभ सहित तमाम अफसर शुक्रवार की शाम से ही शनि मंदिर पर पहुंच गए।
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शनि मंदिर के आसपास पहाड़ी क्षेत्र में पत्थर की दर्जनों की खदानें हैं, यहां से शिलानुमा आकार के इतने बड़े आकार के पत्थर निकाले जाते हैं, जो ट्रैक्टर-ट्राली में एक ही पत्थर आता है। पत्थरों का परिवहन करने वाले ट्रक व ट्रैक्टर ट्रालियों के कारण शनि मंदिर की ओर जाने वाली सभी सड़कें व्यस्त रहती हैं।
शनि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इन वाहनों से कोई परेशानी न हो। शनि अमावस्या पर यह सड़क बेहद व्यस्त रहती है, ऐसे में पत्थर के वाहनों से जाम लगता है। इसीलिए कलेक्टर अंकित अस्थाना ने ग्वालियर व मुरैना से शनि मंदिर जाने वाली हर सड़क पर पत्थर परिवहन करने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह वाहन 25 अगस्त से शुरू होंगे।