इस वर्ष की पहली एकादशी 10 जनवरी को मनेगी, श्रीकृष्ण व खाटू श्याम मंदिरों में होगी विशेष पूजा-अर्चना
इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती। इस दिन ब्रह्म योग का विशेष संयोग रहेगा। ऐसे लोग जो एकादशी व्रत करते हैं, उन्हें सुख-शांति के साथ ही सफलता भी मिलती है। जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है।
Publish Date: Thu, 09 Jan 2025 07:07:22 PM (IST)
Updated Date: Thu, 09 Jan 2025 07:22:36 PM (IST)
एकादशी पर मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों की भीड़ जुटेगी।HighLights
- श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर, बांके विहारी, श्रीजी, खाटू श्याम मंदिरों में तैयारियां हुईं पूरी
- श्रद्धालु भगवान के दर्शनकर घर-परिवार की सुख-शांति के लिए आशीर्वाद मांगेंगे।
- एकादशी पर मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा पाठ व अभिषेक किया जाएगा।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। इस वर्ष की पहली एकादशी शुक्रवार को मनेगी। पुत्रदा एकादशी पर श्रीकृष्ण व खाटू श्याम मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। शहर के श्री कृष्ण प्रणामी, बिड़ला मंदिर,श्रीजी मंदिर,गुफा मंदिर, टीन शेड खाटू श्याम मंदिर, सर्वधर्म कोलार खाटू श्याम मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा पाठ व अभिषेक किया जाएगा। मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों की भीड़ जुटेगी। श्रद्धालु भगवान के दर्शनकर घर-परिवार की सुख-शांति के लिए आशीर्वाद मांगेंगे। मां चामुंडा दरबार के पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि संतान सुख की कामना के लिए पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत विशेष माना जाता है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए रखा जाता है। ऐसे में जो लोग नि:संतान हैं, उनको यह व्रत जरूर रखना चाहिए।
संगठन के अध्यक्ष प्रकाश मालवीय ने बताया कि इस वर्ष राममंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का वर्षगांठ हिंदू पंचांग के अनुसार पौष शुक्ल द्वादशी तिथि 11 जनवरी की पूर्व संध्या 10 जनवरी शुक्रवार को दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
दीपोत्सव कार्यकम में संगठन के साथ साथ सैकड़ों श्रद्धालु भी अपनी सहभागिता निभाएंगे और दीपोत्सव मनाएंगे। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक,समाजसेवी बंदु, श्रद्धालु एवं संगठन के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे। Devuthani Ekadashi 2024 : जबलपुर के गौरीघाट में देश के एकमात्र तुलसी मंदिर में विवाह के लिए लगाते हैं अर्जी
हरि हरात्मक महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने दी आहूतियां, प्रवचन भी हुए
- अशोक विहार के मां दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रही नौ कुंडीय महायज्ञ के छठवें दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। सभी ने महायज्ञ में आहूतियां डालीं।
- बनारस से आए यज्ञाचारी बनारस के पंडित युगल किशोर शास्त्री महाराज ने श्रद्धालुओं से आहूतियां डलवाई गईं।
- महाराज ने यज्ञ का महत्व समझाते हुए कहा कि भावनाओं से किया गया यज्ञ सदा विपरीत परिणाम वाला होता है। फल तो मिलता है, समय लगता है।
- संत रामदास महाराज ने भरत चरित्र के बारे में श्रद्धालुओं को बताया। उन्होंने कहा कि भरत चाहते तो अयोध्या के राजा के रूप में तिलक करा लेते, लेकिन उन्होंने भगवान श्रीराम को ही अयोध्या का राजा माना और एक अलग कुटिया बनाकर रहे।
- राजा दशरथ के मोक्ष प्रसंग पर कहा कि समय, कल, लाभ, यश, जीवन, मरण, जन्म स्वयं अपने पास रखते हैं, जो प्रभु की मुख्य शक्ति है।
- आदिकाल से संसार को हर पल एहसास कराती है कि ईश्वरी शक्ति ही सर्वाधिक मन है। इस अवसर श्रद्धालुओं ने श्रीराम के जयकारे लगाए।