
धर्म डेस्क: हिंदू परंपरा में विवाह जैसे मंगल कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त (Shubh Vivah Muhurat 2025)का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार देवशयनी एकादशी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, जिसे चातुर्मास कहा जाता है। इस अवधि में विवाह सहित किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। चातुर्मास समाप्त होने के बाद ही विवाह के मुहूर्त दोबारा प्रारंभ होते हैं।
वर्ष 2025 में नवंबर और दिसंबर महीने में विवाह के लिए बहुत अधिक तिथियां उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि जल्द ही खरमास शुरू होने वाला है। खरमास लगते ही विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक गतिविधियाँ पूर्ण रूप से वर्जित मानी जाती हैं।

जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब खरमास की शुरुआत होती है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है।
इस वर्ष धनु संक्रांति 16 दिसंबर को पड़ेगी और इसी दिन से खरमास का आरंभ होगा। यह अवधि 14 जनवरी 2026 तक चलेगी।
16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर
1, 4, 5, 6 दिसंबर
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