
धर्म डेस्क, इंदौर (Vivah Panchami 2024)। अगहन यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पुरुषोत्तम श्रीराम का विवाह माता सीता से हुआ था। हर साल इस दिन को भगवान राम और मां सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है।
विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में देशभर के प्रमुख मंदिरों में विशेष आयोजन हो रहे हैं। राम-सीता का विवाह रचाया जा रहा है। गुरुवार को हल्दी की रस्म निभाई गई। शुक्रवार को बारात निकलेगी।
मान्यता है कि विवाह पंचमी पर राम-सिया के पूजन से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। इस साल 6 दिसंबर शुक्रवार को शुभ फलदायी सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग सहित अन्य शुभ योगों में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सीता-राम के मंदिरों में विशेष पूजन व धार्मिक आयोजन होंगे। भक्त पूजा, यज्ञ और अनुष्ठान करेंगे। कई स्थानों पर श्री रामचरितमानस का पाठ भी किया जाएगा।
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मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही तुलसीदास जी ने रामचरितमानस पूर्ण की थी। साथ ही राम जी और सीता जी का विवाह भी इसी दिन हुआ था। इसलिए विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन राम-सिया के पूजन से शादी में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था, इसलिए यह महीना बेहद शुभ होता है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी भी कहा जाता है। यह तिथि विवाह के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। - पंडित जगदीश शर्मा, मध्य प्रदेश