Ganesh Chaturthi 2025: कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, अभी से नोट कर लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पर्व भगवान गणेश के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना से होती है। इस दिन भक्त शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
Publish Date: Sat, 16 Aug 2025 08:48:33 PM (IST)
Updated Date: Sat, 16 Aug 2025 08:48:33 PM (IST)
Ganesh Chaturthi 2025: भगवान गणेश स्थापना डेट और टाइम।HighLights
- भाद्रपद माह में मनाई जाती है गणेश चतुर्थी।
- 10 दिनों तक की जाती है गणपति जी की सेवा।
- साधक को मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
धर्म डेस्क। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पर्व पूरे भारत में खासकर महाराष्ट्र में बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर लोग अपने घरों में गणपति जी की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिनों श्रद्धाभाव से तक उनकी पूजा-अर्चना व सेवा करते हैं। इससे पूरे परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। गणेश महोत्सव के दौरान गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। आइए, गणेश चतुर्थी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
गणेश चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat )
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को लदोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।
पूजा मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Puja Muhurat)
गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय मध्याह्न होता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न काल में गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।
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गणेश स्थापना पूजा विधि (Ganesh Puja Vidhi)
- गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
- शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
- वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
- पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
- सबसे पहले 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
- भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
- स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
- भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
- इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
- अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।
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