
स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार को नवी मुंबई के डीवाय पाटिल स्टेडियम में इतिहास रच दिया। गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को रोमांचक सेमीफाइनल में 9 गेंदें शेष रहते पांच विकेट से हराकर टीम इंडिया ने आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में जगह बना ली।
पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 49.5 ओवर में 338 रन पर सिमट गई। जवाब में भारतीय टीम ने 48.3 ओवर में पांच विकेट खोकर 339 रन बनाते हुए लक्ष्य हासिल कर लिया। यह न केवल भारत का बल्कि महिला वनडे वर्ल्ड कप नॉकआउट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज साबित हुआ।
भारत ने 339 रन का लक्ष्य हासिल करके अपने वनडे इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज दर्ज किया। यह महिला वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट चरण में भी अब तक का सबसे बड़ा सफल पीछा है। दिलचस्प बात यह है कि वनडे वर्ल्ड कप (पुरुष या महिला) के नॉकआउट मैच में पहली बार 300 से अधिक रन के लक्ष्य का पीछा सफल रहा।
339 – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, नवी मुंबई (2025 वर्ल्ड कप)
331 – ऑस्ट्रेलिया बनाम भारत, विशाखापत्तनम (2025 वर्ल्ड कप)
302 – श्रीलंका बनाम दक्षिण अफ्रीका, पोचफ्स्ट्रूम (2024)
जेमिमा रोड्रिग्ज ने 127 रन की नाबाद पारी खेलते हुए भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। वह वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट मैच में रन चेज के दौरान शतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
हरमनप्रीत कौर के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नॉकआउट में शतक लगाने वाली वह दूसरी भारतीय बल्लेबाज़ हैं। यह नॉकआउट मुकाबले में भारत की ओर से दूसरा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर भी रहा।
दोनों बल्लेबाज़ों के बीच 167 रन की साझेदारी हुई, जो महिला वनडे वर्ल्ड कप नॉकआउट मुकाबलों में भारत की सबसे बड़ी साझेदारी है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भी 338 रन बनाकर टूर्नामेंट इतिहास का अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया।
इस मैच में कुल 679 रन बने — जो महिला वनडे वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे बड़ा कुल स्कोर है।
679 – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, मुंबई (2025)
678 – इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका, ब्रिस्टल (2017)
661 – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, विशाखापत्तनम (2025)
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ऑस्ट्रेलिया की ओपनर फोएब लिचफील्ड ने केवल 22 साल 195 दिन की उम्र में शतक जमाकर महिला वनडे वर्ल्ड कप नॉकआउट मैच में सबसे युवा सेंचुरी मेकर बनने का गौरव हासिल किया।
लिचफील्ड ने 93 गेंदों में 17 चौके और 3 छक्कों की मदद से 119 रन बनाए और वह नॉकआउट मैच में सबसे तेज शतक लगाने वाली बल्लेबाज़ भी बनीं।
भारत की यह जीत महिला क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर है जज्बे, टीमवर्क और रिकॉर्ड्स से भरी हुई। अब सभी की निगाहें फाइनल पर हैं, जहां भारत तीसरी बार खिताब जीतने की कोशिश करेगा।
