स्पोर्ट्स डेस्क: भाला फेंक खिलाड़ी सचिन यादव ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championships) में भले ही पदक नहीं जीता, लेकिन अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया। उन्होंने नीरज चोपड़ा, पाकिस्तान के अरशद नदीम और जर्मनी के जूलियन वेबर जैसे खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
सचिन यादव की खेल यात्रा की शुरुआत क्रिकेट से हुई थी। एमएम इंटर कॉलेज के मैदान में क्रिकेट खेलते समय अंतरराष्ट्रीय जेवलिन खिलाड़ी संदीप यादव की नजर उन पर पड़ी। उनकी लंबाई और शारीरिक बनावट देखकर संदीप ने 2017 में सचिन को जेवलिन थ्रो आजमाने की सलाह दी। इसके बाद सचिन ने संदीप के साथ कोणार्क विद्यापीठ स्कूल और बाद में नोएडा में कड़ा अभ्यास किया।
2017 में सचिन ने लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 67 मीटर थ्रो किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार अपने प्रदर्शन को बेहतर किया।
कोच संदीप के अनुसार सचिन की 6.5 फीट लंबाई, कंधों की ताकत और हाथों की रफ्तार उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है। वे मानते हैं कि सचिन जल्द ही 90 मीटर का आंकड़ा पार करेंगे। वर्तमान में सचिन भारतीय टीम के कोच नवल सिंह से प्रशिक्षण ले रहे हैं।
तीन भाई-बहनों में मझले सचिन का परिवार भी उन पर गर्व करता है। पिता नरेश, मां सीता देवी और बहन अन्नू का कहना है कि खेल के प्रति उनका जुनून देखकर शुरू से लगता था कि एक दिन वह देश का नाम रोशन करेंगे। 2023 में खेल कोटे से यूपी पुलिस में भर्ती हुए सचिन अब भारत को जेवलिन थ्रो में नई पहचान दिलाने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
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