टेक डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में पैन कार्ड वित्तीय लेन-देन और कर संबंधी कार्यों का आधार बन चुका है। बैंक खाता खोलने से लेकर आयकर रिटर्न दाखिल करने तक, हर छोटे-बड़े आर्थिक काम में पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सरकार लगातार इसे और अधिक सुरक्षित, आधुनिक और सुविधाजनक बनाने पर जोर दे रही है। इसी दिशा में पैन 2.0 परियोजना की शुरुआत की गई है। यह मौजूदा पैन कार्ड का एक उन्नत और तकनीकी रूप से बेहतर संस्करण है। पैन 2.0 का सबसे बड़ा आकर्षण है क्यूआर कोड के साथ ई-पैन, जिसे अब आसानी से ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है। यह न केवल कार्ड की सुरक्षा को और पुख्ता करेगा, बल्कि फर्जीवाड़े और नकली पैन कार्ड के इस्तेमाल पर भी रोक लगाएगा।
पैन 2.0 के तहत जारी ई-पैन पूरी तरह डिजिटल है और इसमें मौजूद क्यूआर कोड से कार्डधारक की पहचान तुरंत सत्यापित की जा सकती है। यह कार्ड आपको मेल पर मिलेगा और इसे स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है। ई-पैन का लाभ यह है कि यदि आपका कार्ड खो भी जाए तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी डिजिटल प्रति हमेशा आपके पास रहती है। इसके अलावा, ई-पैन में एन्क्रिप्टेड डेटा होता है, जिससे सुरक्षा का स्तर काफी बढ़ जाता है। नाम, जन्मतिथि और ईमेल आइडी जैसे विवरणों को बिना शुल्क के अपडेट किया जा सकता है।
-एनएसडीएल पोर्टल पर जाएं और ई-पैन सेवा का चयन करें।
-यहां आपको पैन नंबर, आधार नंबर और जन्मतिथि जैसी बुनियादी जानकारी भरनी होगी।
-पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। यह केवल 10 मिनट के लिए वैध रहेगा।
-ओटीपी सत्यापित होते ही आवेदन पूरा हो जाएगा और 30 मिनट में आपका ई-पैन आपके ईमेल पर भेज दिया जाएगा।
क्यूआर कोड स्कैन कर कार्ड की सत्यता तुरंत जांची जा सकती है।
ई-पैन डिजिटल से आधे घंटे में उपलब्ध हो जाएगा।
एन्क्रिप्टेड डेटा होने से फर्जीवाड़े की संभावना खत्म हो जाती है।
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