
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क एक ऐसी तकनीक है, जो आपके डिवाइस और इंटरनेट के बीच एक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड कनेक्शन तैयार करती है। जब आप किसी वेबसाइट या ऐप को सीधे एक्सेस करने के बजाय VPN के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, तो आपका डेटा पहले VPN सर्वर से होकर गुजरता है। इससे आपका असली IP एड्रेस छिप जाता है और आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी ज्यादा सुरक्षित रहती है।
VPN कैसे करता है काम?
जब आप बिना VPN के इंटरनेट चलाते हैं, तो आपका डेटा आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) के जरिए खुले नेटवर्क पर ट्रैवल करता है। लेकिन VPN ऑन करने पर डेटा सबसे पहले आपके डिवाइस पर एन्क्रिप्ट होता है। इसके बाद यह एक सुरक्षित डिजिटल ‘टनल’ के जरिए VPN सर्वर तक पहुंचता है और वहां से आगे वेबसाइट या ऐप से जुड़ता है। इस प्रक्रिया के कारण कोई भी आसानी से यह नहीं जान पाता कि आप क्या ब्राउज कर रहे हैं या आपकी असली लोकेशन क्या है।
लोग VPN का इस्तेमाल क्यों करते हैं?
ऑनलाइन प्राइवेसी के लिए
VPN आपके IP एड्रेस और ब्राउजिंग डेटा को ISPs, एडवरटाइजर और थर्ड पार्टी से छिपाने में मदद करता है।
पब्लिक Wi-Fi पर सुरक्षा
कैफे, होटल या एयरपोर्ट के Wi-Fi नेटवर्क असुरक्षित हो सकते हैं। VPN डेटा को एन्क्रिप्ट करके हैकिंग और पासवर्ड चोरी का खतरा कम करता है।
रिस्ट्रिक्टेड कंटेंट एक्सेस करने के लिए
कुछ वेबसाइट और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म लोकेशन के हिसाब से कंटेंट दिखाते हैं। VPN से यूजर किसी दूसरे देश के सर्वर से कनेक्ट होकर ऐसा कंटेंट एक्सेस कर सकता है।
स्पीड थ्रॉटलिंग से बचाव
कई बार ISPs कुछ एक्टिविटी पर इंटरनेट स्पीड कम कर देते हैं। VPN ट्रैफिक को हाइड करके इस समस्या को कम कर सकता है।
वर्क-फ्रॉम-होम और बिजनेस यूज
कंपनियां VPN के जरिए कर्मचारियों को सुरक्षित तरीके से ऑफिस नेटवर्क और फाइल्स एक्सेस करने की सुविधा देती हैं।
VPN का इस्तेमाल कैसे करें?
VPN का उपयोग करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। पहले किसी भरोसेमंद VPN सर्विस को चुनकर अकाउंट बनाएं। इसके बाद अपने मोबाइल या लैपटॉप पर VPN ऐप इंस्टॉल करें। ऐप में लॉग-इन कर किसी सर्वर लोकेशन को चुनें और कनेक्ट बटन दबाएं। कनेक्शन होते ही आपका इंटरनेट ज्यादा सुरक्षित हो जाता है। जरूरत न होने पर आप VPN को डिस्कनेक्ट भी कर सकते हैं।
VPN एक ऐसा टूल है, जो ऑनलाइन प्राइवेसी, सिक्योरिटी और इंटरनेट फ्रीडम को बेहतर बनाता है। खासतौर पर पब्लिक नेटवर्क पर इंटरनेट इस्तेमाल करते समय और पर्सनल डेटा को सुरक्षित रखने के लिए यह काफी उपयोगी साबित होता है।
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