शासन ने आदर्श कास्टिंग गाइडलाइन–2025 का शासनादेश जारी कर दिया है, जिसे प्राधिकरण बोर्ड की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। हालांकि, यह राहत केवल नई योजनाओं तक सीमित रहेगी, पुरानी योजनाओं की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
क्या कहती है नई गाइडलाइन
नई गाइडलाइन के अनुसार अब किसी भी संपत्ति की अंतिम कीमत आवंटन की तिथि पर वास्तविक लागत के आधार पर तय की जाएगी। यदि आवंटन अनुमानित मूल्य पर किया गया है, तो निर्माण पूरा होने के बाद वास्तविक लागत का अंतर आवंटी से लिया जाएगा।
वहीं, अगर वास्तविक लागत तय मूल्य से 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ती है, तो आवंटी को संपत्ति न लेने और जमा राशि स्टेट बैंक की एमसीएलआर दर पर साधारण ब्याज सहित वापस लेने का विकल्प मिलेगा। इससे आवंटियों को अनावश्यक वित्तीय जोखिम से राहत मिलेगी।
भूमि दरों की बढ़ोतरी को लेकर स्पष्ट नियम
गाइडलाइन में भूमि दरों की बढ़ोतरी को लेकर भी स्पष्ट नियम तय किए गए हैं। जिन योजनाओं में विकास कार्य अधूरे हैं, वहां भूमि दर में वार्षिक वृद्धि की जाएगी। सबसे बड़ा बदलाव अतिरिक्त शुल्क को लेकर किया गया है।
अब तक कंटीन्जेंसी और ओवरहेड चार्ज के नाम पर कुल 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि जोड़ी जाती थी, जिससे मकान और प्लॉट आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाते थे।
अतिरिक्त शुल्क घटाकर 16 प्रतिशत किया गया
नई व्यवस्था में इस अतिरिक्त शुल्क को घटाकर अधिकतम 16 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका सबसे अधिक लाभ ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग को मिलेगा। पहले इन श्रेणियों में 27 प्रतिशत तक अतिरिक्त चार्ज लिया जाता था, जिसे अब घटाकर ईडब्ल्यूएस के लिए 14 प्रतिशत और एलआईजी के लिए 15 प्रतिशत कर दिया गया है।
साथ ही, किस्त समय पर न चुकाने पर लगने वाला पेनल इंटरेस्ट 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है और किस्तों पर ब्याज दर में भी कमी की गई है।
जवानों को भी नई नीति में विशेष राहत
सशस्त्र सेनाओं के जवानों को भी नई नीति में विशेष राहत दी गई है। फ्लैट का भुगतान 60 दिनों के भीतर करने पर 20 प्रतिशत, 61 से 90 दिन में 15 प्रतिशत और 91 से 120 दिन में भुगतान करने पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके अलावा, नीलामी में न बिकने वाली संपत्तियों को आरक्षित दर पर दोबारा नीलामी में शामिल किया जाएगा।
पुराने शासनादेश स्वतः निरस्त हो जाएंगे
अलोकप्रिय संपत्तियों को बेचने के लिए उनकी कीमत में 25 प्रतिशत तक की छूट देने का भी प्रावधान किया गया है। साथ ही पार्क फेसिंग, कार्नर और चौड़ी सड़क वाले प्लॉट पर लगने वाला अतिरिक्त शुल्क भी घटा दिया गया है। नई गाइडलाइन लागू होते ही वर्ष 1999 और 2009 के पुराने शासनादेश स्वतः निरस्त हो जाएंगे।
क्या कहा गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने बताया कि आदर्श कास्टिंग गाइडलाइन (मूलभूत सिद्धांत) 2025 का शासनादेश जारी हो चुका है और जल्द ही इसे बोर्ड की बैठक में रखकर मंजूरी ली जाएगी।
नई नीति से आम लोगों को बड़ी सहूलियत मिलेगी, अलोकप्रिय संपत्तियों की बिक्री संभव होगी और नई योजनाओं में फ्लैट व प्लॉट की कीमतें स्पष्ट रूप से कम होंगी।