
डिजिटल डेस्क। गोरखपुर में कूड़ा फेंकने के विवाद ने रविवार शाम अचानक तनाव का रूप ले लिया। शिकायत की जांच करने पहुंचे गोला थाना क्षेत्र के दो पुलिसकर्मियों को स्थानीय लोगों ने करीब 25 मिनट तक घर के अंदर बंद कर बंधक बना लिया। घर में उस समय महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम और थानेदार गोला मौके पर पहुंचे और शटर का ताला खुलवाकर दोनों पुलिसकर्मियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
बरहजपार माफी निवासी मुसाफिर ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि गांव के हरिवंश का परिवार उनके खेत में छत के सहारे कूड़ा फेंकता है। इसी शिकायत की जांच के लिए दो पुलिसकर्मी मुसाफिर के साथ हरिवंश के घर पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान घर में मौजूद महिलाओं ने आरोपों से इनकार किया। इसके बावजूद पुलिसकर्मी और शिकायतकर्ता अंदर घुसकर छत तक पहुंच गए। तभी किसी ने पीछे से शटर गिराकर अंदर से ताला लगा दिया, जिससे दोनों पुलिसकर्मी भीतर ही फंस गए।
घर की महिलाओं का कहना है कि पुलिसकर्मियों के साथ कोई महिला कॉन्स्टेबल नहीं थी, जबकि उस समय घर में कोई पुरुष मौजूद नहीं था। उन्होंने दावा किया कि रोकने के बावजूद पुलिसकर्मी जबरन अंदर घुस आए और उनके पास जांच से संबंधित कोई दस्तावेज भी नहीं था।
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घटना के बाद पुलिस ने घर की सास, बहू और बाहर से आए हरिवंश के बेटे योगेंद्र को हिरासत में ले लिया। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि योगेंद्र घटना के समय घर पर था ही नहीं। गोला पुलिस का कहना है कि टीम सिर्फ कूड़ा फेंकने की शिकायत की जांच करने गई थी और सूचना मिलते ही फंसे हुए पुलिसकर्मियों को बाहर निकाल लिया गया। मामले की आगे जांच जारी है।