एजेंसी, लखीमपुर। पीएम किसान सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। जांच में करीब 1 लाख किसानों की निधि रोक दी गई है। इनमें लगभग 33 हजार दंपति शामिल हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से योजना का लाभ लिया।
साथ ही, 32 हजार किसान ऐसे पाए गए जिन्होंने 2019 के बाद जमीन का बैनामा या दान पत्र कराया। ऐसे किसानों की सूची बनाकर उनकी भुगतान प्रक्रिया रोक दी गई है।
भारत सरकार ने साफ किया है कि योजना का लाभ केवल असली किसानों को ही मिलेगा। इसके लिए लगातार कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की जा रही है।
डबल पंजीकरण की समस्या
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 77 हजार से अधिक किसान डबल पंजीकरण, पति-पत्नी द्वारा लाभ, सरेंडर, सस्पेक्टेड और भौतिक सत्यापन में पकड़े गए हैं। इसके अलावा, 8772 किसान ऐसे हैं जिनके आधार लिंक नहीं हैं।
कैमहरा गांव से खुला मामला
कैमहरा गांव के फेरूलाल ने डीएम से शिकायत की थी। जांच में सामने आया कि पति-पत्नी दोनों योजना का लाभ ले रहे थे। सकेथू गांव के पच्चालाल, चंद्र देवी और ममता देवी के मामलों में भी यही गड़बड़ी पाई गई।
बैंक खातों में तकनीकी खामियां
विजय प्रकाश का बैंक खाता NPCI से लिंक नहीं है।
नेराज कुमार मौर्य ने KYC पूरी नहीं कराई।
दिनेश कुमार का भू-अंकन नहीं है और खाता भी लिंक नहीं पाया गया।
प्रशासन का बयान
उप निदेशक कृषि गिरीश चन्द्र ने कहा कि ऐसे सभी मामलों की जांच कर संबंधित लाभार्थियों की निधि रोकी गई है और आगे कार्रवाई की जाएगी। मकसद यही है कि योजना का लाभ केवल सही किसानों तक पहुंचे।
कुल लटके मामले