
एजेंसी, आगरा। नई दिल्ली–आगरा–झांसी रेल रूट पर उत्तर मध्य रेलवे एक अनोखी परियोजना शुरू करने जा रहा है। जल्द ही इस रूट के चुनिंदा हिस्सों में पटरियों के बीच सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जो ट्रेन के संचालन के साथ-साथ बिजली भी पैदा करेंगे। पहली बार ऐसा प्रयोग बनारस रेल कारखाने में 70 मीटर क्षेत्र में किया गया था, जिसकी सफलता के बाद यह परियोजना आगे बढ़ाई जा रही है।
1–2 हजार मीटर के क्षेत्र में लगाए जाने वाले पैनल ऐसी जगह लगाए जाएंगे जहां चोरी की आशंका कम हो। ये पैनल आसानी से हटाए भी जा सकेंगे, जिससे सुरक्षा और रखरखाव आसान रहेगा। उत्पादित बिजली पावर ग्रिड को भी बेची जा सकेगी।
आगरा कैंट, आगरा फोर्ट, मथुरा जंक्शन, ईदगाह और डीआरएम कार्यालय में पहले ही सोलर प्लांट लगे हुए हैं। वर्तमान में मंडल में कुल 1502.35 किलोवाट पीक की क्षमता वाले प्लांट संचालित हैं, जिनमें आगरा की हिस्सेदारी 1034.9 और मथुरा की 467.45 किलोवाट पीक है।
वित्त वर्ष 2024–25 के शुरुआती पांच महीनों में 7.05 लाख यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन से रेलवे को लगभग 29.57 लाख रुपये की बचत हुई। इससे कार्बन उत्सर्जन में 599.95 मीट्रिक टन की कमी दर्ज हुई - आगरा में 399.53 और मथुरा में 200.42 मीट्रिक टन।
रेलवे बोर्ड के अनुसार, सर्वे के बाद यह तय होगा कि पैनल किन-किन स्थानों पर और किस क्षमता के लगाए जाएंगे। परियोजना रेलवे को हर माह लाखों की बचत और पर्यावरण को राहत देगी।
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