कानपुर में कुत्तों के लिए ‘उम्रकैद’ की अनोखी व्यवस्था, नगर निगम शेल्टर होम में रहेंगे आजीवन
UP News: कानपुर नगर निगम ने दो बार लोगों को काटने वाले और पागल (रैबीज संक्रमित) कुत्तों के लिए एक अनोखी व्यवस्था लागू की है। ऐसे कुत्तों को पकड़कर किश ...और पढ़ें
Publish Date: Tue, 23 Dec 2025 04:36:53 PM (IST)Updated Date: Tue, 23 Dec 2025 04:37:41 PM (IST)
कानपुर में कुत्ते नगर निगम शेल्टर होम में रहेंगे आजीवन।HighLights
- 50 कुत्तों की क्षमता वाला शेल्टर होम तैयार किया
- एक बार काटने वाले कुत्ते को 10 दिन रहेंगे निगरानी में
- कुत्ते को गोद लेने के लिए हलफनामा देना होगा
डिजिटल डेस्क। कानपुर नगर निगम ने दो बार लोगों को काटने वाले और पागल (रैबीज संक्रमित) कुत्तों के लिए एक अनोखी व्यवस्था लागू की है। ऐसे कुत्तों को पकड़कर किशनपुर स्थित नगर निगम के शेल्टर होम में आजीवन रखा जाएगा, जहां उनके भोजन और देखभाल की पूरी व्यवस्था होगी। पागल कुत्तों को अलग रखने की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
वर्तमान में किशनपुर स्थित एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) सेंटर में तीन कुत्तों को रखा गया है। इनमें विकास नगर में अपनी मालकिन की जान लेने वाला कुत्ता तथा दो अन्य आवारा कुत्ते शामिल हैं।
50 कुत्तों की क्षमता वाला शेल्टर होम तैयार किया
नगर निगम ने पागल और कटखने कुत्तों को रखने के लिए पहले चरण में 50 कुत्तों की क्षमता वाला शेल्टर होम तैयार किया है। शहर में अनुमानित सवा लाख कुत्ते हैं, जिनमें से अब तक 35 हजार का बंध्याकरण किया जा चुका है। पिछले वर्ष करीब 32 हजार लोगों को कुत्तों ने काटा था।
एक बार काटने वाले कुत्ते को 10 दिन निगरानी में रखा जाएगा
इस संबंध में नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. निरंजन ने बताया कि यदि कोई कुत्ता दो बार किसी व्यक्ति को काटता है और पीड़ित व्यक्ति वैक्सीन लगवाने का प्रमाण प्रस्तुत करता है, तो उस कुत्ते को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाएगा।
वहीं, यदि कुत्ता केवल एक बार काटता है, तो उसका बंध्याकरण कर उसे 10 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। यदि इस दौरान वह रैबीज या पागलपन से ग्रसित नहीं पाया जाता है, तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार उसे उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, जहाँ से पकड़ा गया था।
कुत्ते को गोद लेने के लिए हलफनामा देना होगा
उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई व्यक्ति कुत्ते को गोद लेना चाहता है, तो उसे एक हलफनामा देना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह कुत्ते का आजीवन उचित रखरखाव करेगा।
इसके अलावा मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी और निजी अस्पतालों में कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए कम से कम छह फीट ऊंची बाउंड्री वॉल बनाई जाए।
साथ ही मजबूत गेट लगाए जाएँ, सुरक्षा गार्ड तैनात हों और एक नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए, ताकि किसी भी स्थिति में कुत्तों का अस्पताल परिसर में प्रवेश न हो सके।