यूपी डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को और मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के 75 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक-एक गांव का चयन किया जा रहा है, जहां चौबीसों घंटे नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना की सफलता के बाद धीरे-धीरे इसे पूरे प्रदेश के सभी गांवों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में वर्तमान समय में करीब 97 हजार गांव हैं। जल शक्ति विभाग के अनुसार, इनमें से लगभग 35 हजार गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल आपूर्ति पहले ही शुरू हो चुकी है। फिलहाल इन गांवों में सुबह और शाम दो-दो घंटे पानी मिलता है। अब बदलाव यह होगा कि प्रत्येक जिले से चुने गए एक गांव में पानी 24 घंटे उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल चौबीसों घंटे उपलब्ध हो।
इस पहल का उद्देश्य केवल पानी उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों को जल संरक्षण और बेहतर प्रबंधन के लिए जागरूक करना भी है। इसके अंतर्गत ग्रे वाटर मैनेजमेंट पर जोर दिया जाएगा। यानी नहाने, कपड़े धोने और रसोई के बचे पानी का सही उपयोग और पुनर्चक्रण किया जाएगा। इसके अलावा वर्षा जल संचयन को भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके और भविष्य के लिए जल स्रोत सुरक्षित किए जा सकें।
जल जीवन मिशन के चीफ इंजीनियर डी.के. सिंह ने बताया कि पहले चरण में सभी 75 जिलों से गांवों का चयन किया जा रहा है। इन गांवों में न सिर्फ 24 घंटे जल आपूर्ति की सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय लोगों को जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व के बारे में भी समझाया जाएगा।
अभी तक की प्रगति पर गौर करें तो करीब 35 हजार गांवों के 2.5 करोड़ परिवारों को नल से पानी पहुंच रहा है। यदि प्रति परिवार न्यूनतम छह सदस्य मानें तो यह सुविधा लगभग 15 करोड़ लोगों तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि 24 घंटे जल आपूर्ति का यह मॉडल यदि सफल रहता है, तो यह ग्रामीण जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यह योजना ग्रामीण भारत को न केवल शुद्ध पानी उपलब्ध कराएगी, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगी।
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