ब्यूरो, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को एक बड़ा तौफा दिया है। अब उत्तर प्रदेश में महिलाओं की तरह भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को भी स्टांप शुल्क में छूट का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही सीएम ने रेंट एग्रीमेंट पर लगने वाले शुल्क में भी छूट देने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि राज्य में रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने सिंगल विंडो से ई-पंजीकरण की सुविधा कराने के लिए भी निर्देश दिए हैं। विकास प्राधिकरण के आवंटियों की संपत्ति की रजिस्ट्री औरआधार प्रमाणीकरण लागू करने के लिए भी ई-पंजीकरण से संबंधित निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को स्टांप एंव पंजीकरण विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें सीएम ने कहा कि 5 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणामों के आधार पर योजना को सभी जिलों में लागू किया जाए। सभी जिलों में 20 हजार रुपये से अधिक के निबंधन शुल्क के लिए ई-भुगतान अनिवार्य किया जाए।
बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रकिया जल्द से जल्द पूरी की जाए। बता दें कि विभाग में सब रजिस्ट्रार व लिपिकों के 350 से अधिक पद खाली चल रहे हैं। जिससे कार्य प्रभावित रहा है।
सीएम ने बैठक के दौरान स्टांप बेचने के अन्य विकल्पों पर विचार करने और वेंडरों के कमीशन को तार्किक बनाने पर भी जोड़ दिया। साथ ही 10 साल की अवधि वाले लघु और मध्यम वर्ग के किरायानामों पर स्टांप शुल्क पंजीकरण शुल्क में छूट देने की बात भी सीएम योगी ने की है।
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बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में महिलाओं को एक करोड़ रुपये तक की संपत्ति पर एक प्रतिशत स्टांप ड्यूटी में छूट देने का निर्णय लिया गया था। इससे पहले महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की संपत्ति पर ही छूट मिल रही थी। वहीं अब भूतपूर्व सैनिकों और दिव्यांगजनों को भी स्टांप शुल्क प्रदान किया जाएगा।