एजेंसी, लखनऊ। यूपी में डिजिटल अरेस्ट का नया मामला सामने आया है। इस घटना में जालसाज ने एक बुजुर्ग को 24 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उसने खुद को दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर बताया और मनी लॉन्ड्रिंग का फर्जी आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी का डर दिखाया। बुजुर्ग ने डर से करीब आठ लाख रुपये ठगों को ट्रांसफर कर दिए। जब उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हुआ है तब जाकर उसने सआदतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई।
मामले में जांच शुरू हो चुकी है। इंस्पेक्टर संतोष कुमार आर्य जानकारी देते हुए बताया कि जिस अकाउंट में बुजुर्ग ने पैसे ट्रांसफर किए है, वह बेंगलुरु का है। पीड़ित व्यक्ति नेवाती टोला मोमिन नगर में रहता है। पीड़ित महमूद आलम अंसारी ने बताया कि उसे एक कॉल आया जिसमें ठग ने खुद को इंस्पेक्टर गोपेश कुमार बताया और कहा कि आपके खिलाफ दिल्ली कनॉट प्लेस थाने में मनी लॉन्ड्रिंग की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
आगे उसने यह भी कहा कि इस मामले में जांच के आदेश हाई कोर्ट जज ने दिए हैं। इतना सुनते ही महमूद घबरा गया और कहा कि न तो वह कभी दिल्ली गया है और न ही कोई अपराध किया है। जिसके बाद वाट्सएप पर फर्जी आदेश की कापी भेजी और बताया कि सर्विलांस के माध्यम से आप पर नजर रखी जा रही है। बुजुर्ग महमूद के मदद मांगने पर ठगों ने कहा कि जांच पूरी होने तक अगर किसी को कुछ बताया तो गिरफ्तार करना होगा।
इसके बाद जालसाज ने वीडियो कॉल कर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया, फिर एक खाता नंबर देते हुए आठ लाख जमा करने को कहा। पीड़ित ने अगले दिन बैंक जाकर रुपये ट्रांसफर कर दिए। दोबारा 10 लाख की मांग पर पीड़ित को शक हुआ। रुपये देने से इनकार किया तो उन्हें डराया गया। ठगी का एहसास होने पर महमूद आलम ने बैंक में शिकायत कर खाते को फ्रीज करा दिया। पीड़ित ने सआदतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।