ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय बहुद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स) पर भी अब क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने शनिवार को उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक मुख्यालय में एम-पैक्स क्यूआर कोड प्रणाली का शुभारंभ किया।
क्यूआर कोड व्यवस्था का सबसे अधिक लाभ पैक्स से जुड़े किसानों को होगा। वह खाद, बीज, कीटनाशक तथा अन्य वस्तुओं की खरीद करने के बाद क्यूआर कोड के माध्यम से वास्तविक मूल्य का भुगतान एम-पैक्स को कर सकेंगे।
शुभारंभ के मौके पर सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव सौरभ बाबू, आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार, यूपीसीबी के प्रबंध निदेशक आरके कुलश्रेष्ठ, अपर निबंधक कृषि निवेश व एमडी पीसीयू एसके गोस्वामी आदि उपस्थित थे। जेपीएस राठौर द्वारा इस मौके पर पांच पैक्स के सचिवों को क्यूआर कोड प्रदान किया गया।
राठौर ने कहा कि पैक्स पर क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान का सबसे अधिक लाभ किसानों को होगा। मौजूदा समय में सक्रियता के साथ काम कर रहे 6800 पैक्स पर तत्काल क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं।
इन पैक्सों से इस समय यूरिया का वितरण किया जा रहा है। किसानों को नगद में भुगतान करने की दिक्कतों से राहत मिलेगी। लेन देन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में यूरिया की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समितियों में कार्मिकों की कमी है जिसकी वजह से समितियों को एक-एक दिन के अंतराल पर खोला जा रहा है। मंडल व जिले के अन्य कार्मिकों को समितियों पर तैनात कर किसानों की मांग के मुताबिक उर्वरक का वितरण कराया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि 580 नवगठित एम-पैक्स को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। एक लाख रुपये मार्जिन मनी और एक लाख रुपये आधारभूत संरचना के लिए दिए जाएंगे। पहले से गठित एम-पैक्स को भी आधारभूत जरूरतों के लिए दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
इस साल एक करोड़ रुपये एम-पैक्स को आधारभूत संरचना के लिए दिए जाने हैं। उन्होंने बताया कि 1900 प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों (पीडीसीएस) को जिला सहकारी बैंकों से लिंक किया गया है। अच्छा कार्य करने वाली समतियों को बैंक मित्र के रूप में नियुक्त किया जाएगा। माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जाएगी।