राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खरीफ सीजन में किसानों को बिना परेशानी समय पर खाद उपलब्ध कराने के लिए सहकारिता विभाग ने नई व्यवस्था लागू की है। विभाग के आयुक्त एवं निबंधक योगेश कुमार ने सभी जिलों के सहायक और संयुक्त आयुक्तों व निबंधकों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत खाद की आपूर्ति एम-पैक्स (बहुउद्देशीय सहकारी समितियों) के माध्यम से की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि समितियों के वितरण केंद्रों पर किसानों को धूप और बारिश से बचाने के लिए शेड और टेंट लगाए जाएं। पंक्ति में खड़े किसानों को बुलाने के लिए माइक या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए। बायोमेट्रिक पहचान में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए पास (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों की सफाई पर जोर दिया गया है। किसानों को भी जागरूक किया जाएगा कि मशीन पर अंगुली रखने से पहले वे अपनी अंगुली साफ करें, जिससे स्कैनिंग में दिक्कत न आए।
सहकारिता आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि समितियां केवल अपने क्षेत्र के किसानों को ही खाद देंगी, ताकि हर केंद्र पर किसानों को समान रूप से सुविधा मिल सके। सभी वितरण केंद्र प्रतिदिन खोले जाएंगे और पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रखने की जिम्मेदारी तय की गई है।
विशेष प्रावधान के तहत बटाईदार किसानों को भी खाद मिलेगी। इसके लिए भूस्वामी और बटाईदार के बीच लिखित सहमति पत्र अनिवार्य किया गया है। वहीं, गैर-सदस्य किसान भी समिति की सदस्यता लेकर खाद प्राप्त कर सकते हैं। गैर-सदस्यों को खाद वितरण के बाद उनकी खतौनी और आधार कार्ड की प्रति सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्टॉक और वितरण रजिस्टर अपडेट रखने और नियमित निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। ब्लॉक से लेकर मंडल स्तर तक अधिकारी साप्ताहिक रिपोर्ट हर बुधवार शाम तक ई-मेल से मुख्यालय भेजेंगे। जिलाधिकारियों को भी अधिकार दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद वितरण सुनिश्चित करें, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इसे भी पढ़ें... रीवा में लोकायुक्त की कार्रवाई... नायब तहसीलदार का रीडर दो हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया