यूपी डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। उत्तर प्रदेश में हजारों पति-पत्नी दोनों मिलकर इस योजना का लाभ उठा रहे थे, जबकि नियम के अनुसार केवल एक व्यक्ति को ही यह सहायता मिलनी चाहिए। सत्यापन में यह गड़बड़ी सामने आने के बाद अब ऐसे लाभार्थियों की अगली किस्तें रोक दी जाएंगी और विभाग नियम के तहत उनसे वसूली करेगा।
प्रदेश में कुल पांच लाख 53 हजार 749 ऐसे दंपति पाए गए हैं जहां दोनों लाभार्थी बने हुए थे। सबसे अधिक मामले प्रतापगढ़ से सामने आए हैं, जहां 37,233 दंपतियों ने दोहरा लाभ लिया। इसके बाद प्रयागराज (29,358), सीतापुर (18,862) और संभल (18,413) का स्थान है। बरेली मंडल में भी स्थिति गंभीर है। यहां बरेली में 12,430, शाहजहांपुर में 10,900, बदायूं में 10,420 और पीलीभीत में 6,947 ऐसे दंपति मिले हैं, जिनकी सूची शासन को भेजी गई है। जिले में अभी कुल 4,15,624 किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
इस योजना की 19 किस्तें अब तक किसानों को भेजी जा चुकी हैं। जिन दंपतियों को शुरू से दोनों को किस्त मिली है, उन्हें कुल 76,000 रुपये (38,000 × 2) मिल चुके हैं। ऐसे मामलों में अब दोनों की अगली किस्तें रोकी जाएंगी ताकि धीरे-धीरे रिकवरी की जा सके। जब तक पूरी वसूली नहीं हो जाती, तब तक योजना का लाभ बंद रहेगा। वसूली पूरी होने पर पति या पत्नी में से एक को दोबारा लाभ मिलेगा।
दिलचस्प बात यह रही कि गाजियाबाद में केवल 449 और नोएडा में 524 दंपति ही फर्जी लाभार्थी पाए गए हैं, जो प्रदेश में सबसे कम हैं। इसी तरह, राशन कार्ड के आधार सत्यापन में भी साढ़े तीन हजार अपात्र लाभार्थियों के कार्ड रद्द किए जा चुके हैं।
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