डिजिटल डेस्क। बहराइच जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। जिले में चल रही जांच में पता चला है कि हजारों दंपत्ति इस योजना का दोहरा लाभ उठा रहे थे। स्थिति यह है कि पति और पत्नी, दोनों ही एक साथ योजना से लाभान्वित हो रहे थे, जबकि नियमानुसार इसका लाभ केवल परिवार के एक सदस्य को मिलना चाहिए।
कृषि विभाग की पड़ताल में सामने आया कि जिले के 15,345 दंपत्तियों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा लिया है। यानी कुल 30,690 लाभार्थी इस अनियमितता में शामिल पाए गए हैं। जैसे ही यह जानकारी शासन स्तर तक पहुंची, तत्काल प्रभाव से इन किसानों के खातों में अगली किस्त भेजने पर रोक लगा दी गई है। अब यह तय किया जा रहा है कि आगे से इनमें से केवल एक ही सदस्य को योजना का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक संबल देना है। योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल छह हजार रुपये की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है। एक किस्त चार महीने पर दो हजार रुपये की होती है, जो सीधे किसानों के खाते में भेजी जाती है।
बहराइच जिले में अब तक 4.80 लाख से अधिक किसानों का पंजीकरण हो चुका है। एक अगस्त को ही किसानों के खाते में अगली किस्त भेजी गई थी, लेकिन दंपत्ति द्वारा लाभ उठाने के मामले के सामने आने के बाद शासन ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।
उप कृषि निदेशक विनय कुमार वर्मा ने बताया कि पूरे मामले की जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। अब शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही आदेश मिलेगा, लाभार्थियों की सूची को संशोधित कर केवल एक सदस्य को ही योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वे कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है और दिशा-निर्देश मिलते ही अगली कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
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इस अनियमितता की वजह से अब जिले के 30,690 किसानों के लिए योजना का भविष्य संकट में आ गया है। जिन दंपत्तियों को अब तक दोनों ओर से लाभ मिल रहा था, उनमें से केवल एक व्यक्ति को ही राशि मिल पाएगी। इससे बड़ी संख्या में किसानों की आय पर सीधा असर पड़ सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल विभागीय निगरानी की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साफ किया है कि योजनाओं का सही लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शिता बेहद ज़रूरी है।