यूपी डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली, मुरादाबाद और आसपास के जिलों में फैले एक बड़े देह व्यापार और मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह फिल्मी अंदाज में काम करता था। लड़कियों की बोली मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर लगाई जाती थी। टिकटघर और वेटिंग एरिया में उनकी "मुंह दिखाई" कराई जाती थी। यहां पर तीन-चार लोगों की ड्यूटी रहती थी ताकि कोई लड़की भाग न सके। कोडवर्ड और कपड़ों के रंग से पहचान तय की जाती थी। ग्राहक द्वारा कोड बताने के बाद लड़की का चयन होता और फाइनल होने पर उसे गोशाला या किराए के कमरों में भेजा जाता था।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह सिर्फ कांशीराम नगर या गोशाला तक सीमित नहीं था। लड़कियों को अमरोहा और अन्य जिलों में भी भेजा जाता था। बरेली, उत्तराखंड, बिहार और मध्य प्रदेश तक इसके तार जुड़े पाए गए हैं। गिरोह सप्ताह में कई बार रेलवे स्टेशन और रोडवेज बदल-बदलकर लड़कियों को लेकर जाता था ताकि पहचान न हो सके।
गिरोह का सरगना सचिन ठाकुर बरेली के अतरछेड़ी गांव का रहने वाला है। पहले वह ट्रेनों में चोरी करता था और उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। धीरे-धीरे उसने महिलाओं जैसे पिंकी और हसीना के साथ मिलकर देह व्यापार का धंधा शुरू किया। पुलिस ने शनिवार रात मुठभेड़ के बाद सचिन ठाकुर, हसीना और विकास चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पिंकी की डायरी से करीब 200 मोबाइल नंबर मिले हैं। पुलिस का मानना है कि इन नंबरों से कई सफेदपोश लोगों के नाम सामने आएंगे। अधिकांश नंबर फिलहाल बंद हैं, लेकिन ट्रेसिंग के जरिए पुलिस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है।
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह के अनुसार, हसीना द्वारा खरीदी गई एक महिला की तलाश के लिए बरेली समेत कई जिलों में दबिश दी गई, लेकिन अब तक सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस की कई टीमें पूरे गिरोह के नेटवर्क को तोड़ने में लगी हुई हैं।
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