ब्यूरो, मैनपुरी। यूपी के सभी 75 जिलों में आज से एक साथ एक विशेष अभियान चलने जा रहा है। सही सुना आपने, आज से यूपी की सड़कों पर अब बिना हेलमेट के चलने वाले दोपहिया चालकों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। योगी सरकार ने सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 1 से 30 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में नो हेलमेट, नो फ्यूल विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत, यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पेट्रोल पम्प पर पहुंचता है तो उसे पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, योगी सरकार ने सात माह पहले 'नो हेलमेट, नो पेट्रोल' का नियम लागू किया था। बाकायदा पंपों पर आदेश चस्पा करा लोगों से भी सहयोग भी मांगा था। व्यवस्था का पालन कराने की जिम्मेदारी अधिकारियों पर थी, लेकिन ढुलमुल नीति के कारण व्यवस्था दम तोड़ गई। अब सरकार ने दोबारा 30 सितंबर तक अभियान चलाकर लोगों को नियम के प्रति गंभीरता दिखाने को कहा गया है।
सोमवार को पहले दिन एआरटीओ शिवम यादव के साथ यातायात प्रभारी प्रदीप सेंगर ने नगर के अलग-अलग पंपों पर पहुंचकर चालकों को इस आदेश की जानकारी दी। पहले दिन किसी के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई तो नहीं की गई, लेकिन स्पष्ट कर दिया है कि बिना हेलमेट के अब डीजल अथवा पेट्रोल नहीं मिलेगा। निरंतर नियमों की अनदेखी करने वाले 45 चालकों के सामान्य चालान जरूर कर उन्हें दोबारा नियम का उल्लंघन न करने का संदेश दिया गया।
एआरटीओ का कहना है कि इस पूरे अभियान में परिवहन विभाग, यातायात विभाग, जिला पूर्ति अधिकारी एवं स्थानीय पुलिस को संयुक्त रूप से कार्रवाई करनी होगी। व्यवस्था बेहतर हो, इसके लिए सभी पंप मालिकों से सहयोग की अपील की गई है।
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पिछली बार चले अभियान में शातिर लोगों ने इस आदेश को कमाई का माध्यम बना लिया था। पंप पर ही कर्मचारियों अथवा अन्य लोगों द्वारा हेलमेट उपलब्ध कराए जाते थे। बिना हेलमेट आने वालों को 10 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लेकर उन्हें हेलमेट दिया जाता था और पेट्रोल भरवाने के बाद चालक वापस कर जाते थे। इस बार यदि ऐसे प्रकरण सामने आते हैं तो चालक और हेलमेट उपलब्ध कराने वालों के विरुद्ध दोगुने जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।