यूपी डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर भारत में बीते एक सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते प्रयागराज (Prayagraj Flood Update 2025) में गंगा और यमुना नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। सोमवार सुबह 9 बजे दोनों नदियों का जलस्तर 2013 के रिकॉर्ड को पार करने की कगार पर था। जलप्रलय की चपेट में शहर की 61 बस्तियां और 275 गांव आ चुके हैं, जिससे पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से लगभग 80 हजार लोग बेघर हो गए हैं।
जनपद में 19 बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जहां 9,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की कुल 600 जवानों की टीमें तैनात की गई हैं। 250 नावें, 30 मोटर बोट और स्टीमर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत पहुंचा रहे हैं।
प्रशासन भी सक्रिय है। कमिश्नर, डीएम, एडीएम और तहसीलदार प्रभावित इलाकों में मौजूद हैं। सोमवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को हवाई सर्वेक्षण करेंगे और सर्किट हाउस में राहत सामग्री वितरण की समीक्षा करेंगे।
बाढ़ का असर संचार व्यवस्था पर भी पड़ा है। राजापुर, छोटा बघाड़ा और मांडा रोड के पास बीएसएनएल के तीन टावर बंद हो चुके हैं। डीजल पहुंचाकर बाकी 13 टावरों को बैकअप देने का प्रयास जारी है। बीएसएनएल जनसंपर्क अधिकारी आशीष गुप्ता ने बताया कि स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है और आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।