डिजिटल डेस्क: उत्तर-प्रदेश के बरेली में पुलिस ने एक ऐसे मतांतरण गिरोह को बेनकाब (Religious Conversion Gang Exposed) किया है, जो छांगुर गैंग की तरह सक्रिय था और पूरे देशभर में लोगों को निशाना बना रहा था। गिरोह का सरगना अब्दुल मजीद मदरसा चलाता है और इसी के जरिए उसने अपना नेटवर्क मजबूत किया। पुलिस ने अब्दुल मजीद के साथ सलमान, आरिफ और फहीम को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह ब्रेनवाश कर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता था। जानकारी के अनुसार, इन्होंने सुभाष नगर थाना क्षेत्र निवासी बृजपाल के पूरे परिवार का मतांतरण कराया। बृजपाल की शादी मुस्लिम लड़की से कराई गई, फिर उसकी बहन का निकाह भी मुस्लिम युवक से करवाया गया। बच्चों के मतांतरित होने के बाद उनकी मां ने भी मजबूरी में धर्म बदल लिया। इसके अलावा, कोतवाली क्षेत्र के प्रभात उपाध्याय को भी गिरोह ने अपने जाल में फंसाकर मतांतरित किया।
गिरोह का अगला निशाना इज्जतनगर क्षेत्र का एक बीकॉम का छात्र था, लेकिन इससे पहले ही प्रभात उपाध्याय की मां ने पुलिस को सूचना दे दी, जिसके बाद गिरोह पकड़ा गया।
गिरोह के सदस्यों के बीच काम बंटा हुआ था। अब्दुल मजीद प्रमुख संचालक था। सलमान कपड़े सिलने का काम करता था और धर्मग्रंथ, सीडी और किताबें उपलब्ध कराता था। आरिफ उसे इस काम में सहयोग देता था। फहीम नाई का काम करता था और संभावित लोगों की जानकारी इकट्ठा कर गिरोह तक पहुंचाता था।
पुलिस को गिरोह की विदेशी फंडिंग को लेकर गहरी आशंका है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि अब्दुल मजीद के खाते में आठ महीने में 2000 से अधिक ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि करीब 13 लाख रुपये है। वहीं सलमान और उसकी पत्नी के पास 12 बैंक खाते हैं, जबकि आरिफ और फहीम के पास भी दो-दो खाते पाए गए हैं। पुलिस ने सभी बैंक खातों की डिटेल्स निकलवाई हैं और गहन जांच जारी है। फिलहाल गिरोह के और सदस्यों की पहचान की जा रही है।