
डिजिटल डेस्क। उन्नाव के माखी कांड की दुष्कर्म पीड़िता ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा सस्पेंड होने के बाद अपनी बेबसी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता का परिवार न केवल सुरक्षा, बल्कि अब दाने-दाने को मोहताज हो गया है। पीड़िता ने अपनी स्थिति बयां करते हुए बताया कि 23 दिसंबर को उसके पति को कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया। वर्तमान में परिवार के सामने गहरा आर्थिक संकट खड़ा है।
पीड़िता ने बताया कि मकान मालिक ने घर खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है। घर के बाहर लोगों की भीड़ देखकर मकान मालिक को हार्ट अटैक तक आ गया। दूध वाले और दुकानदार के करीब 30-35 हजार रुपये बकाया हैं। बच्चों के लिए दूध तक का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। दिल्ली में कोई दूसरा व्यक्ति उन्हें मकान देने को तैयार नहीं है।
पीड़िता ने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसके निर्दोष चाचा सात साल से जेल में हैं, जबकि एक सजायाफ्ता अपराधी के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उसने डर जताया कि यदि कुलदीप सिंह सेंगर बाहर आया, तो वह उसके पूरे परिवार को खत्म कर देगा। पीड़िता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है और संकल्प लिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देगी।
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दूसरी ओर, यूपी एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का फैसला है और वे इस पर कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने अन्य राजनीतिक मुद्दों पर बात करते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा, लेकिन पीड़िता की सुरक्षा और स्थिति पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।