
डिजिटल डेस्क: सोनभद्र जिले के जुगैल थाना क्षेत्र में शुक्रवार रात एक बड़ा सड़क हादसा (UP Road Accidnet) हो गया, जिसमें श्रद्धालुओं से भरी पिकअप 30 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 20 में से 16 लोग घायल हो गए, जबकि 13 की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह दर्दनाक घटना उस समय हुई जब श्रद्धालु जिरही देवी मंदिर से दर्शन कर अपने घर लौट रहे थे।
जानकारी के अनुसार, जुगैल थाना क्षेत्र के जमुअल गांव निवासी इसरावती का बेटा विजेंद्र मुंबई में एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था। मजदूरी के दौरान उसका बायां हाथ मशीन में फंसने से बुरी तरह घायल हो गया था और उसकी उंगलियां कट गई थीं। जब वह घर लौटा तो परिवार ने मन्नत मानी कि यदि उसका हाथ सही हो गया तो पूरा परिवार जिरही देवी मंदिर में दर्शन करने जाएगा और बकरे की बलि देगा।
इसी मन्नत को पूरा करने के लिए शुक्रवार को परिवार और गांव के लोग- बच्चन, मेटी, अमृत, रामलाल, रीना, विमली, अंकिता, नीतू, अमरावती, नागेंद्र, शिवानी, प्रीति, उर्मिला, भुटाले, सत्यम, भुनेश्वर, ममता और कौलेश्वरी आदि एक पिकअप पर सवार होकर जिरही देवी मंदिर गए थे। पिकअप को अमरेश अग्रहरि चला रहा था। दिन में दर्शन और पूजन के बाद सभी श्रद्धालु रात करीब नौ बजे घर लौट रहे थे।
जैसे ही वाहन नेवारी-जुगैल मार्ग पर भीतरी गांव के जंगल वाले ढलान क्षेत्र में पहुंचा, ड्राइवर का नियंत्रण वाहन से हट गया। पिकअप अनियंत्रित होकर तीन से चार बार पलटते हुए लगभग 30 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई और ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। स्थानीय लोगों ने तत्काल 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही जुगैल थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को खाई से बाहर निकाला। एंबुलेंस के जरिए घायलों को चोपन सीएचसी भेजा गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद 13 गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायलों की हालत स्थिर है, लेकिन कुछ को अतिरिक्त उपचार की आवश्यकता है।
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पुलिस क्षेत्राधिकारी ओबरा हर्ष पांडेय ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जिरही देवी मंदिर से लौटते श्रद्धालुओं की पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई थी। वाहन में कुल 20 लोग सवार थे, जिनमें से 16 घायल हुए हैं। 13 लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पुलिस ने वाहन को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि नेवारी-जुगैल मार्ग पर यह ढलान बेहद खतरनाक है और सड़क किनारे कोई सुरक्षात्मक रेलिंग नहीं लगी है। वे लंबे समय से इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था सुधारने की मांग कर रहे हैं, पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।