यूपी डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश पुलिस ने फर्जी गेमिंग एप ठगी का बड़ा राजफाश किया है। गिरोह का मुख्य सरगना और सॉफ्टवेयर इंजीनियर आयुष शुक्ला को गोंडा से गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही अलीगढ़ निवासी मनमोहन भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। यह गिरोह आम लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि गोंडा के नवाबगंज निवासी हाफिज अली ने अपने रिश्तेदार के नाम पर कॉरपोरेट बैंक खाता खुलवाया था। इसी खाते से ठगी की रकम का लेनदेन होता था। अब तक की जांच में पता चला है कि हाफिज अली ने ठगी से कमाए पैसों से ईंट भट्ठे, महंगे मकान और लगभग 300 बीघा जमीन खरीदी है। उसकी संपत्ति का मूल्य तीन अरब रुपये से अधिक आंका जा रहा है।
शनिवार को पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद बुधवार को आयुष शुक्ला पकड़ा गया। पूछताछ में सामने आया कि अलीगढ़ निवासी मनमोहन भी इस ठगी में शामिल था, जो एक युवती के नाम पर कॉरपोरेट खाते से लेनदेन करता था। हाल ही में उसने 77 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया था।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि आयुष शुक्ला मूल रूप से गोंडा का रहने वाला है और लखनऊ के महंगे होटलों से गिरोह को ऑपरेट करता था। गिरोह ने फर्जी गेमिंग एप तैयार किए, जिन पर लोग सट्टा लगाते थे और हमेशा हारते थे। हारने के बाद राशि सीधे कॉरपोरेट खातों में चली जाती थी।
अब तक 25 बैंक खातों की जांच में करीब 11 करोड़ रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ है। इनमें से कई खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि गिरोह का नेटवर्क देश ही नहीं, विदेशों तक फैला हुआ है। फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।
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