यूपी डेस्क, नई दिल्ली। कविनगर में आइसक्रीम कारोबारी के कर्मचारी अमित से हुई 8.15 लाख रुपये की लूट का खुलासा 19 जून को पुलिस ने किया था। इस मामले में पकड़े गए पांच बदमाशों में से दो आरोपी सूरज यादव और मनीष कुमार को कोर्ट ने जमानत दे दी।
पुलिस के अनुसार, लाल कुआं निवासी सूरज यादव, पिलखुआ निवासी नितिन कुमार, लाल कुआं निवासी मनीष कुमार, पिलखुआ निवासी बृजेश और मसूरी निवासी अंकुश घटना में शामिल थे। 19 जून की रात सिकरोड मार्ग पर मुठभेड़ के दौरान नितिन, सूरज और मनीष को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें सूरज और नितिन को पैर में गोली लगी थी। इनके पास से चार लाख 30 हजार रुपये और तीन तमंचे बरामद हुए।
बाद में मधुबन-बापूधाम क्षेत्र में बृजेश और अंकुश भी मुठभेड़ में पकड़े गए, जिनसे एक लाख रुपये, असलहा और बाइक बरामद हुई। पुलिस का दावा है कि मनीष ने थाने ले जाते समय हैड कांस्टेबल की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया, लेकिन वह भी मुठभेड़ में घायल हो गया। पांचों को जेल भेजा गया था। जमानत सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने दलील दी कि पुलिस ने गिरफ्तारी से तीन दिन पहले ही आरोपितों को थाने में पूछताछ के लिए बुला लिया था और बाद में जेल भेजा।
मामले में वादी और गवाह केवल पुलिसकर्मी हैं, कोई स्वतंत्र गवाह नहीं। साथ ही, पुलिस का दावा है कि आरोपितों ने गोली चलाई, पर कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ। अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने इन तर्कों पर विचार करते हुए और मुठभेड़ में स्वतंत्र गवाह न होने को देखते हुए दोनों आरोपितों को 80-80 हजार रुपये के बंधपत्र पर जमानत प्रदान की।
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