
डिजिटल डेस्क। भोजपुर क्षेत्र के गांव रानी नागल में योजनाओं का खूब बंदरबांट किया जा रहा है। सरकारी सिस्टम की नाकामी के चलते यहां रह रहे घूमंतू लोगों को मुफ्त राशन, प्रधानमंत्री आवास आदि का लाभ दिया जाने लगा। और तो और, इन लोगों को वोटर बनाने की भी पूरी कोशिश की गई लेकिन एसआईआर प्रक्रिया के बीच लाभ देने के सभी प्रयासों के भेद खुल गए।
गांव छोड़कर भागने को मजबूर
इसके बाद लाभ की कवायद में जुटे कई घूमंतू लोग गांव छोड़कर भागने को मजबूर हो गए। इन्हें रोहिंग्या माना जा रहा है। फिलहाल खुफिया विभाग की टीम मामले की जांच में जुट हुई है। शुक्रवार को भी टीम ने गांव पहुंचकर विभिन्न जानकारियां जुटाई। पूर्व प्रधान सईदुल ने घूमंतू लोगों को लाभ दिए जाने का उठाते हुए डीएम अनुज सिंह और एसएसपी सतपाल अंतिल से शिकायत की थी।
फर्जी तरीके से वोटर बनने की कोशिश
एसडीएम सदर डॉ. राम तोहन मीणा की जांच में पता चला कि 2018 में 92 लोग गांव रानी नागल पहुंचे थे। इस घूमंतू लोगों को फर्जी तरीके से वोटर बनाने की प्रक्रिया भी चल रही थी। लेकिन एसआईआर प्रक्रिया के दौरान गहन जांच के बीच इनमें से केवल दस लोगों ने ही अपना गणना प्रपत्र भरकर जमा किया। इसमें भी सिर्फ महिलाओं ने यह प्रपत्र भरे हैं।
एक समान बात यह है कि इन सभी की मैपिंग सहारनपुर जनपद की गई है। यह बात भी सामने आई कि 10 परिवार प्रधानमंत्री आवासी योजना के तहत बने आवासों में रह रहे हैं। ग्राम समाज की भूमि पर ये सभी आवास बने हैं। अब जांच की जा रही है कि आवास इनके नाम से बने हैं या फिर किसी दूसरे के नामों से मकान इन्हें दिए गए हैं।
साथ ही सभी के आधार कार्ड भी बनवा दिए गए। 10 परिवारों के पास राशन कार्ड हैं। मामला उजागर हुआ तो खुफिया विभाग भी अलर्ट हो गया। भोजपुर पुलिस भी जांच में जुट गई। वहीं अधिकारी भी इस तथ्य की जांच कर रहे हैं कि क्या आवास इन्हीं के नामों से मिले या फिर किसी दूसरे के नाम से बनाकर दे दिए गए।
जांच में जुटी टीम
फिलहाल जांच टीम पूरे मामले की तह तक पहुंचने में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि घूमंतू परिवार के पुरुष सदस्य अपने घरों से भाग गए हैं। एसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी होने से पहले कुछ भी कहना संभव नहीं है।
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