एजेंसी,नोएडा। फूड इंस्पेक्टर द्वारा बुलंदशहर से यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली ले जाए जा रहे पनीर को नष्ट कराने के मामले में जेवर कोतवाली के दो दारोगाओं पर कार्रवाई हुई है। भाजपा नेता और पूर्व ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया था कि जेवर टोल चौकी इंचार्ज और जेवर कस्बा इंचार्ज ने उनके साथ मारपीट और अभद्रता की। शिकायत के बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
शुक्रवार शाम फूड इंस्पेक्टर रविंद्र वर्मा ने लगभग 11 क्विंटल पनीर को मिलावटी बताते हुए नष्ट कराया था। पनीर नष्ट करने का विरोध भाजपा नेता और पूर्व ग्राम प्रधान ने किया था। उनका कहना था कि पनीर पूरी तरह शुद्ध था, लेकिन पुलिस और फूड विभाग की मिलीभगत से इसे जबरन खराब बताकर नष्ट कराया गया। इस दौरान रिश्वत मांगने और मारपीट के आरोप भी लगाए गए।
पुलिस का क्या कहना
वहीं, पुलिस का कहना है कि ग्राम प्रधान पनीर से भरी गाड़ी को कोतवाली से जबरन ले जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने पुलिस से गाड़ी की चाबी छीनी और पुलिसकर्मियों से अभद्रता की। बाद में गाड़ी को जीपीएस से बंद कर दिया गया और थाने के बाहर भी हंगामा हुआ।
आरोप-प्रत्यारोप के बाद शनिवार को जेवर कोतवाली में पंचायत बुलाई गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने जेवर कस्बा चौकी इंचार्ज संसार सिंह और जेवर टोल चौकी इंचार्ज अनूप दीक्षित को निलंबित कर दिया।
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