डिजिटल डेस्क: बरसाना में राधाष्टमी 2025 का पर्व अद्वितीय और ऐतिहासिक साबित हुआ। भादों मास की शुक्ल अष्टमी पर ब्रह्मांचल पर्वत पर लाखों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जहां राधारानी के जन्माभिषेक और शृंगार की झलक (Radhashtami 2025 Live Darshan) ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सतरंगी आतिशबाजी ने जब आकाश को रंगीन पटाखों से सजा दिया तो मानो धरा भी उसी उल्लास से मुस्करा उठी।
भोर चार बजे राधारानी का जन्माभिषेक पंचामृत से सम्पन्न हुआ। इस समय वे श्वेत झबला धारण कर भक्तों के समक्ष प्रकट हुईं। इसके बाद मंगला शृंगार में राधारानी ने पीले वस्त्र पहनकर स्वर्ण–रजत जड़ित आभूषणों से सुसज्जित होकर शीश महल से दर्शन दिए। यह विशेष पोशाक लुधियाना के कारीगरों द्वारा बनाई गई थी, जिसमें सूक्ष्म हस्तकला और जड़ाव का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
इस बार राधाष्टमी का आयोजन केवल बरसाना तक सीमित नहीं रहा। मंदिर प्रबंधन ने पहली बार QR कोड और आधिकारिक यूट्यूब चैनल @mandirshriladleejimaharaj के माध्यम से जन्माभिषेक का सीधा प्रसारण किया। इससे वे श्रद्धालु भी जुड़ सके जो बरसाना नहीं पहुंच पाए। नगर की गलियों और मंदिर मार्ग पर विशाल LED स्क्रीन लगाई गईं ताकि भीड़ में फंसे भक्त भी दर्शन कर सकें।
श्रद्धालुओं का कहना है कि जन्माभिषेक और शृंगार के क्षण ही राधाष्टमी की आत्मा होते हैं। इस बार लाखों लोगों ने तकनीक के माध्यम से घर बैठे दिव्यता का अनुभव किया। पूरे कस्बे की हवाओं में राधा नाम की सुगंध और भाव-शृंगार की आभा समाई रही। संत विनोद बाबा के सौजन्य से करीब 40 लाख रुपये की भव्य आतिशबाजी भोर चार बजे तक चलती रही। आकाश में चमकते आतिशी फूल भक्तों के हृदय में भक्ति का दीप जलाते रहे। हर विस्फोट के साथ राधा नाम का उच्चारण गूंजता और श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठते।
मंदिर प्रबंधन से जुड़े सुशील गोस्वामी ने बताया कि तकनीक का यह प्रयास उन श्रद्धालुओं के लिए है जो बरसाना तक नहीं आ पाते, किंतु राधा नाम की कृपा से वंचित भी नहीं रहना चाहते। इस पहल ने राधाष्टमी को वैश्विक स्वरूप प्रदान किया।
बरसाना की राधाष्टमी 2025 भावनाओं, तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम रही। पंचामृत अभिषेक, स्वर्णिम शृंगार और वैश्विक प्रसारण ने इस पर्व को यादगार बना दिया। ब्रजभूमि की इस अलौकिक छटा ने करोड़ों भक्तों को भावविभोर कर दिया।
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