
डिजिटल डेस्क। अमेरिका में सड़कें गड्ढामुक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। AI न केवल सड़कों पर मौजूद गड्ढों की पहचान कर रहा है, बल्कि यह तकनीक यह भी तय करती है कि कौन-से हिस्से को पहले दुरुस्त किया जाना चाहिए, कहां गार्डरेल रिपेयर होने हैं, कौन से साइनबोर्ड खराब हैं और किन मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड की जरूरत है।
कैमरों से मिलने वाली जानकारी सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचती है, जिसके बाद मरम्मत टीमें मौके पर जाकर कार्रवाई करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत भी इस मॉडल को अपनाकर सड़क सुरक्षा में सुधार कर सकता है। अमेरिका के हवाई राज्य में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए 1000 डैशबोर्ड कैमरे लगाए गए हैं।
AI कैसे काम कर रहा है
इन कैमरों की मदद से गार्डरेल, सड़क चिह्न और पैदल मार्गों की मार्किंग का स्वचालित निरीक्षण होता है। AI संभावित जोखिमों का तुरंत आकलन कर मरम्मत टीम को अलर्ट भेज देता है। अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया रोजाना चलती है। कैलिफोर्निया के सैन जो क्षेत्र में सड़क निरीक्षण कर रहे कैमरों ने 97 प्रतिशत तक सटीक जानकारी दी है।
अब इस तकनीक को विस्तार दिया जा रहा है। टेक्सास में आम नागरिकों की गाड़ियों में लगे कैमरों और मोबाइल डेटा की मदद से खराब सड़कों की पहचान की जा रही है। हवाई में 2021 से ‘Eyes on the Road’ अभियान चल रहा है, जिसके तहत ड्राइवरों को लगभग 499 डॉलर कीमत वाले डैशकैम मुफ्त दिए गए थे।
हवाई यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर रोजर चेन ने पुराने सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए तकनीकी कार्यक्रम तैयार किए। वहीं सैन जो के मेयर मैट महन ने सड़क व्यवस्था सुधारने के लिए दो स्टार्टअप भी लॉन्च किए हैं।
AI का महत्व और बढ़ेगा
मेयर महन का कहना है कि यदि शहरभर से खराब सड़कों की तस्वीरें AI डेटाबेस में अपलोड की जाएं, तो बड़े स्तर पर सुधार कार्यक्रम चलाया जा सकता है। सड़क सुरक्षा तकनीक से जुड़े विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में लगभग हर वाहन कैमरों से लैस होगा। इससे सड़कें अधिक सुरक्षित, गड्ढेमुक्त और साइनबोर्ड व्यवस्थित रहेंगे।
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